नईदिल्ली
देशभर के लाखों सीए स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी है. आने वाली 1 जुलाई को सीए के स्टूडेंट्स के लिए नई स्कीम लागू होने जा रही है. दरअसल केंद्र सरकार द्वारा चार्टेड अकाउंटेंट सी पाठ्यक्रम के लिए एक नई योजना को मंजूरी मिली है. इस योजना को उस वक्त मंजूरी दी जा रही है, जब सीए संस्थान अपनी स्थापना के 75 वीं वर्षगाँठ मनाने जा रहा है. कहा जा रहा है कि इस स्कीम के लागू होने के बाद कई सारे महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं और इन बदलावों के तहत अब सीए आर्टिकलशिप प्रोग्राम की अवधि को भी कम कर दिया जाएगा.
1 जुलाई 2023 से लागू किया जा रहा है
इंदौर में मीडिया से चर्चा के दौरान स्टूडेंट मेंटर सीए सार्थक जैन ने इस बात की जानकारी दी. सीए सार्थक जैन ने बताया इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंट ऑफ इंडिया यानी आईसीएआई ने इस बात की जानकारी उन्हें दी है कि तमाम हितधारकों से मिलने इनपुट के आधार पर विचार किया गया और उसके बाद सीए एजुकेशन और ट्रेनिंग की नई योजना तैयार की गई. इस योजना को तैयार करते समय अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा मानक और राष्ट्रीय शिक्षा नीतिका भी अक्षर से पालन किया गया है. यानी नई शिक्षा नीती के अनुरूप ही इस स्कीम को अब 1 जुलाई 2023 से लागू किया जा रहा है.
अब छह पेपर कर दिया गया है
इसके अलावा सीए में तीन लेवल होते हैं पहला फाउंडेशन, दूसरा इंटरमीडिएट और तीसरा सीए फाइनल जिसमें सबसे ज्यादा बदलाव सीए फाइनल में देखने को मिले हैं. सीए फाइनल में पहले आठ पेपर हुआ करते थे, जिन्हें अब छह पेपर कर दिया गया है. इसके अलावा सीए फाइनल से कॉस्टिंग और कॉर्पोरेट लॉ दो पेपर्स कम कर दिए गए हैं. आर्टिकलशिप की अवधि को कम करने और सीए फाइनल के दो पेपर हटाने का फायदा निश्चित तौर पर बच्चों को मिलेगा. वहीं बच्चे अब आर्टिकलशिप के दौरान सीए की पढ़ाई करने की जरूरत नहीं समझेंगे. आर्टिकलशिप के बाद छात्र पढाई पर ध्यान दे सकेंगे. इसके अलावा बीते कुछ सालों में सीए का एवरेज रिज़ल्ट 10-15 परसेंट रहता था. यह बढ़कर 25 फीसदी जाने तक का अनुमान है.
इधर नए कोर्स की पहली परीक्षा मई 2024 में होगी और साल 2017 में जब कोर्स में कुछ परिवर्तन किए गए थे तो बच्चों के पास पुराने और नए कोर्स को सेलेक्ट करने का ऑप्शन था. 3 साल तक बच्चे पुराने या नए कोर्स को चयन कर सकते थे लेकिन इस बार इस ऑप्शन को हटा दिया गया है. यदि बच्चे नवंबर 2023 तक सीए की एग्ज़ैम पास नहीं कर पाते हैं तो उन्हें अपना अगली परीक्षा नए कोर्स में ही देना होगा.
एक बड़ा बदलाव और किया गया है, इसके मुताबिक पहले सीए के एग्जाम में अगर एक ग्रुप में तीन पेपर है और बच्चे दो पेपर पास कर चूके हैं, लेकिन एक पेपर में फेल हो गया तो तीनों पेपर दोबारा देना होते थे. इस को बदलकर अब यह कर दिया गया है कि अगर बचा दो पेपर में निर्धारित अंक लाकर पास हो जाता है तो उसे एक ही पेपर दोबारा देना होगा.