मॉस्को
रूस के रक्षा मंत्री को पद से हटाने के विरोध में निजी सेना 'वैगनर ग्रुप' ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह कर दिया है। वैगनर के प्रमुख येवेनी प्रीगोझिन ने दावा किया कि वह और उनके लड़ाके यूक्रेन की सीमा पार कर रूस के एक अहम शहर पहुंच गए हैं। प्रीगोझिन ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह रोस्तोव-ओन-डॉन में स्थित रूसी सैन्य मुख्यालय में खड़े नजर आ रहे हैं। यह मुख्यालय यूक्रेन में युद्ध पर नजर रखता है। इस बीच, रूस के बिगड़ते हालात को लेकर दुनिया भर के तमाम देश अलर्ट हो गए हैं।
राष्ट्र के नाम संबोधन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आक्रामक दिखे। उन्होंने कहा कि येवगेनी ने पीठ में छुरा भोंकने जैसा काम किया है। वैगनर आर्मी को इसका सबक सिखाया जाएगा। पुतिन बोले कि रूस अपने भविष्य के लिए संघर्ष कर रहा है। इसके लिए उन सभी चीजों को छोड़ने की जरूरत है जो राष्ट्र को कमजोर करती हैं।
पुतिन ने की एकजुट होने की अपील
राष्ट्रपति ने नागरिकों, प्रवर्तन एजेंसियों, सैनिकों और कमांडरों से एकजुट होने की अपील की। पुतिन बोले कि वह उन लोगों को संबोधित कर रहे हैं जिन्हें लालच दिया गया है। धोखे या धमकियों के जरिये गंभीर अपराध और सशस्त्र विद्रोह की ओर धकेला गया है। उन्होंने वैगनर के विद्रोह की तुलना 1917 के झटके से की। पुतिन ने कहा कि यह वैसा ही है जब देश ने पहला विश्व युद्ध लड़ा था। तब रूसियों ने रूसियों को मारा। इसमें विदेशी ताकतों ने फायदा उठाया। देश को विभाजित किया। इसके टुकड़े-टुकड़े किए।
रूस में बढ़ा गृहयुद्ध का संकट
वैगनर सेना के चीफ येवगेनी ने दावा किया है कि वह रोस्तोव शहर पर कब्जा कर चुके हैं। मॉस्को को भी घेर लिया है। इसके चलते रूस में गृहयुद्ध का संकट गहरा गया है। पुतिन ने इस विद्रोह की कड़ी आलोचना की है। साथ ही कहा है कि इस मुश्किल समय में सभी सेनाओं को एकजुट होने की जरूरत है। जो कोई भी विद्रोह का हिस्सा बनेगा, उसे भी सजा भुगतनी पड़ेगी।
राष्ट्र के नाम संबोधन में पुतिन बोले कि आज हम जिस चीज का सामना कर रहे हैं वह आंतरिक विश्वासघात है। हमें रूस में अपनी सभी सेनाओं की एकता की जरूरत है। सभी ताकतों को जुटाने की आवश्यकता है। इसके लिए मतभेद दूर करने की जरूरत है।
कई देशों की ओर से कहा गया कि वे रूस में हो रही घटनाओं पर करीबी से नजर बनाए हुए हैं। ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने वैगनर ग्रुप के भाड़े के सैनिकों की हरकतों के बाद शनिवार को यात्रियों के लिए सलाह जारी की, जिसमें पूरे रूस में अशांति के खतरे की चेतावनी दी गई। ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने कहा, 'रोस्तोव क्षेत्र में सैन्य तनाव की जानकारी मिली है। देश भर में अशांति बढ़ने का खतरा है। साथ ही, ब्रिटेन लौटने के लिए मौजूदा फ्लाइट्स के विकल्पों की कमी भी है।'
रूस की मौजूदा स्थिति पर कई देशों की करीबी नजर
जर्मन सरकार का भी कहना है कि रूस की स्थिति पर करीब से नजर रखी जा रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एडम हॉज ने कहा कि व्हाइट हाउस रूस और वैगनर बल की निगरानी कर रहा है। आगे चलकर जिस तरह के भी घटनाक्रम सामने आएंगे उस पर सहयोगी देशों के साथ चर्चा की जाएगी। इस बीच वैगनर समूह की बगावत से यूक्रेन को एक बड़ा मौका दिखने लगा है। दरअसल, वैगनर ही पिछले साल फरवरी से रूसी सेना के साथ मिलकर यूक्रेन में लड़ रहा था। माना जाता है कि यूक्रेनी शहर बखमुत को जीतने में वैगनर की बड़ी भूमिका रही। वैगनर लड़ाकों ने यूक्रेनी सेना को बखमुत से पीछे ढकेल दिया।
बखमुत पर दोबारा कब्जा करने का यूक्रेन को मौका?
अब वैगनर लड़ाकों के पीछे हटने के बाद रूसी सेना यूक्रेन में कई मोर्चों पर कमजोर पड़ सकती है। आशंका जताई जा रही है कि वैगनर लड़ाकों के नहीं होने पर यूक्रेनी सेना जल्द ही बखमुत पर दोबारा कब्जा कर लेगी। मालूम हो कि इस शहर के कुछ हिस्सों पर अब भी यूक्रेनी सेना का कब्जा है। वैगनर लड़ाकों को बखमुत शहर के बीचों-बीच अग्रिम मोर्चों पर तैनात किया गया था। अब इनके जाने के बाद रूसी सेना को अपने जवानों को इन स्थानों पर तैनात करना पड़ रहा है। फिलहाल, यूक्रेन में अलग-अलग मोर्चों पर युद्ध जारी है जिसके चलते रूसी सेना के जवान बिखरे हुए हैं। इस स्थिति में अगर उन्हें बखमुत में जल्द से जल्द तैनात नहीं किया गया तो यह शहर रूस के हाथ से निकल सकता है।
पुतिन ने देश को किया संबोधित, दिया कड़ा संदेश
इस बीच, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को राष्ट्र को संबोधित किया। पुतिन ने प्रीगोझिन के सशस्त्र विद्रोह के ऐलान को विश्वासघात और देशद्रोह करार दिया। उन्होंने रूस और उसके लोगों की हर हाल में रक्षा करने का भरोसा दिलाया। पुतिन ने कहा कि रूस अपने भविष्य के लिए सबसे कठिन लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह विद्रोह हमारे देश के लिए बहुत बड़ा खतरा है और हम इसके खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे। राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, 'विद्रोह की साजिश रचने वाले सभी लोगों को कठोर सजा भुगतनी होगी। सशस्त्र बलों और अन्य सरकारी एजेंसियों को आवश्यक आदेश जारी कर दिए गए हैं।