हैदराबाद
तेलंगाना की सत्ताधारी भारत राष्ट्र समिति (BRS) कथित तौर पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेताओं को अपने पाले में कर महाराष्ट्र में विस्तार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। ऐसे में शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी राकांपा ने भी के. चंद्रशेखर राव की बीआरएस को उनके ही गढ़ में चुनौती देने की योजना बनाई है। राकांपा ने आगामी तेलंगाना चुनावों में 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़कर जवाबी कार्रवाई करने की योजना बनाई है।
इन जिलों के नेताओं पर BRS की नजर
सूत्रों के हवाले से कहा कि पार्टी ने तेलंगाना में उम्मीदवारों की पहचान करना और अपने कार्यालय खोलना शुरू कर दिया है। ऐसा कहा जा रहा है कि बीआरएस नांदेड़, शोलापुर, लातूर, अहमदनगर और औरंगाबाद में एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं को लुभाने का प्रयास कर रही है। इससे एनसीपी नेतृत्व परेशान है। इन जिलों से एनसीपी के प्रदेश उपाध्यक्ष एस घनश्याम, ओबीसी सेल प्रमुख संजय आनंदकर और लातूर से वरिष्ठ नेता गुणवंतराव जैसे नेता आते हैं। पार्टी के तेलंगाना प्रभारी राजे धर्मराव बाबा अत्राम ने शुक्रवार को अहेरी से टीओआई को बताया, "एनसीपी तेलंगाना में 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, खासकर महाराष्ट्र की सीमा से लगे मनचेरियल, आसिफाबाद, आदिलाबाद, निर्मल और निजामाबाद जिलों में। हम ग्रेटर हैदराबाद और महबूबनगर जिले की कुछ सीटों से भी मैदान में उतरेंगे।"
क्या है एनसीपी की योजना?
धरमाराव गढ़चिरौली में अहेरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, जो तेलंगाना के साथ सीमा साझा करता है, और तीन कार्यकाल तक मंत्री रहे हैं। उन्होंने गुरुवार को मंचेरियल में बेल्लमपल्ली निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी कार्यालय का उद्घाटन किया। हालांकि उन्होंने कहा कि तेलंगाना में चुनाव लड़ने का फैसला अचानक नहीं लिया गया। एनसीपी नेता ने कहा कि पार्टी ने 2018 के विधानसभा चुनावों में 52 उम्मीदवार उतारे थे और 2% वोट शेयर हासिल किया था। उन्होंने दावा किया, ''महबूबनगर में हमारे उम्मीदवार को भाजपा से अधिक वोट मिले।'' राकांपा नेतृत्व तेलंगाना में एक प्रदेश अध्यक्ष की तलाश कर रहा है क्योंकि पूर्व प्रमुख समला रविंदर ने पिछले अक्टूबर में पार्टी छोड़ दी थी। पार्टी के एक नेता ने कहा, ''विधानसभा चुनाव से पहले हमारी एक पूर्णकालिक राज्य समिति नियुक्त करने की भी योजना है।''
महाराष्ट्र में बीआरएस के प्रवेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पार्टी के एक नेता ने कहा कि केसीआर की पार्टी ने 24×7 बिजली और रायथु बंधु और अन्य योजनाओं को लागू करने के बारे में झूठे वादे किए हैं। उन्होंने कहा, “तेलंगाना सरकार ने मेदिगड्डा बैराज में जमीन खोने वाले किसानों को मुआवजा नहीं दिया है, जबकि महाराष्ट्र ने अपनी तरफ के किसानों को 25 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। बीआरएस अपने ही किसानों के साथ न्याय नहीं कर सका; वे दूसरे राज्यों के किसानों के साथ कैसे न्याय कर सकते हैं?”
केसीआर महाराष्ट्र में पांव जमाने की कोशिश कर रहे: अजित पवार
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) महाराष्ट्र में अपना विस्तार करने की कोशिश कर रही है। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने सोमवार को कहा था कि इससे पहले मायावती और मुलायम सिंह यादव ने भी राज्य में पैर जमाने की कोशिश की थी, लेकिन वे सफल नहीं हो सके। पवार ने कहा कि राव शायद तेलंगाना के बाहर बीआरएस का विस्तार करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि वह एक राष्ट्रीय नेता बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दल अपने गृह राज्यों के बाहर खुद को मजबूत कर सकते हैं।