नई दिल्ली
भारतीय टेस्ट स्पेशलिस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को वेस्टइंडीज दौरे से ड्रॉप किए जाने के फैसले से पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर काफी निराश दिखे। गावस्कर का कहना है कि डब्ल्यूटीसी फाइनल में पूरी भारतीय बैटिंग यूनिट ने निराश किया फिर क्यों पुजारा को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। बता दें, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में अजिंक्य रहाणे को छोड़कर कोई भी भारतीय बल्लेबाज छाप नहीं छोड़ पाया। लिटिल मास्टर ने इस दौरान बातों ही बातों में विराट कोहली पर भी यह कहकर निशाना साधा कि पुजारा के किसी भी प्लेटफॉर्म पर लाखों फॉलोअर्स नहीं हैं, जो उन्हें हटा दिए जाने पर शोर मचाएंगे? इस वजह से यह गाज सिर्फ उन पर गिरी है।
सुनील गावस्कर से पूछा गया कि क्या चेतेश्वर पुजारा भविष्य में टीम इंडिया में वापसी कर सकते हैं? तो उन्होंने इंडिया टुडे से कहा 'हां, वह काउंटी क्रिकेट खेल रहा है। उसने काफी रेड बॉल क्रिकेट खेला है, तो वह जानता है कि वापसी कैसे करनी है। लोग 40 या 39 साल की उम्र तक खेल सकते हैं। इसमें कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि वे सभी बहुत फिट हैं। जब तक आप रन बना रहे हैं और विकेट ले रहे हैं, मुझे नहीं लगता कि उम्र कोई कारक होनी चाहिए।'
उन्होंने आगे कहा 'स्पष्ट रूप से, केवल एक व्यक्ति को बाहर किया गया है जबकि अन्य भी असफल रहे। मेरे लिए, बल्लेबाजी विफल रही। अजिंक्य रहाणे के अलावा किसी और ने वास्तव में रन नहीं बनाए हैं तो फिर पुजारा को ही क्यों हटाया गया। हमारी बल्लेबाजी विफलताओं के लिए उन्हें बलि का बकरा क्यों बनाया जा रहा है? वह भारतीय क्रिकेट के सेवक हैं, वह वफादार सेवक रहे हैं। क्योंकि किसी भी प्लेटफॉर्म पर उनके लाखों फॉलोअर्स नहीं हैं, जो उन्हें हटा दिए जाने पर शोर मचाएंगे?'
पूर्व कप्तान बोले 'मैं व्यक्तिगत रूप से चाहता था कि बड़े खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट से पूर्ण विराम दिया जाए। केवल अब, 50-ओवर या 20-ओवर के फॉर्मेट को देखें। मैं चाहता था कि वे केवल सफेद गेंद को देखें और लाल गेंद को बिल्कुल न देखें। उन्हें पूर्ण विराम दें, वे तीन-चार महीने तक बिना रुके खेलेंगे।'