बिहार
नीतीश कुमार की सरकार में वित्त मंत्री का ओहदा संभाल रहे कारू सिंह ने फर्जी दस्तावेज बनाकर करोड़ों की कमाई की। अजय सिंह उर्फ कारू सिंह जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के भी करीबी हैं। अपनी ऊंची रसूख का अपयोग कर उसने कई कारोबार किये जिनमें अनुचित लाभ के लिए फर्जी कागजात का सहारा लिया। आयकर और प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई तीसरे दिन जारी है। शनिवार को कारू सिंह की पूर्णिया स्थित जेसीबी एजेंसी पर छापेमारी चल रही है। उसके 25 ठिकानों से दो दिनों की कार्रवाई में करोड़ों की संपत्ति और जेवर का खुलासा हुआ है।
व्यवसायी कारू सिंह के 25 से अधिक ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी दूसरे दिन भी जारी रही। ठिकानों से 1 करोड़ से अधिक कैश और 50 लाख रुपये से अधिक की ज्वेलरी बरामद की गई है। फिलहाल पूरे मामले की जांच हो रही है। अलग-अलग स्थानों से टैक्स में हेराफेरी से जुड़े दस्तावेज बड़ी संख्या में मिले हैं। साथ ही 25 करोड़ रुपये से अधिक के बोगस व्यय से जुड़े कागजात भी मिले हैं, जिसे टैक्स छिपाने के लिए फर्जी तरीके से बनाए गए थे। ऐसे कागजात और भी बड़ी संख्या में मिले हैं।
जांच के दौरान बड़ी संख्या में कंप्यूटर जब्त किए गए हैं। इनमें जमा डाटा का विश्लेषण किया जा रहा है। ताकि इनके व्यापार में की गई सभी स्तर की धांधली का खुलासा हो सके। साथ ही इनके पास से जब्त किए गए बुक ऑफ एकाउंट की भी समुचित पड़ताल चल रही है। ताकि इसके आधार पर टैक्स चोरी से जुड़ी पूरी धांधली का खुलासा हो सके।
कारू सिंह उर्फ अजय कुमार सिंह का बिहार और नोएडा में रियल इस्टेट का बड़ा कारोबार है। इसके अलावा इनके पास जेसीबी कंपनी की बड़ी मशीनों की ट्रेडिंग और हायरिंग का भी व्यवसाय है। ये जाने-माने सरकारी ठेकेदार हैं। खासकर जल संसाधन विभाग समेत अन्य विभागों में इनकी काफी बड़ी योजनाओं की ठेकेदारी है। राजनैतिक रसूख के बल पर वह ठेका हासिल करने में माहिर हैं।
अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि इनके खातों के अलावा कच्चे कागजात पर भी लेन-देन से जुड़े काफी साक्ष्य बरामद हुए हैं। फिलहाल इनकी जांच चल रही है। इसके बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि कितने के अवैध लेनदेन इनके व्यवसाय में हुए हैं। क्या इसमें किसी की काली कमाई भी लगी हुई है, इस पहलु की भी अलग से जांच चल रही है