भोपाल
स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश के जिला चिकित्सालयों में विभिन्न विषयों के 333 स्नातकोत्तर छात्र-चिकित्सकों की पद-स्थापना की गई है। "स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा नियमावली-2000'' में किये गये प्रावधान अनुसार जिला रेसीडेंसी कार्यक्रम में छात्र-चिकित्सकों की पद-स्थापना की गई है। इससे अध्ययनरत स्नातकोत्तर चिकित्सकों को शासकीय चिकित्सालयों में कार्य करते हुए राष्ट्रीय कार्यक्रमों के संचालन से अवगत होने का अवसर प्राप्त होगा और शासकीय चिकित्सालयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएँ आम नागरिकों को मिल सकेंगी।
प्रदेश में संचालित 20 शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में एमडी और एमएस में अध्ययनरत और वर्ष 2021 में प्रवेश प्राप्त 1284 स्नातकोत्तर छात्र-चिकित्सकों के लिये लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग ने संयुक्त नियोजन किया है।
पदस्थ किये गये 333 चिकित्सकों में आब्सट्रेटिक्स एण्ड गायनोक्लोजी के 38, पीडियाट्रिक्स के 27, एनीस्थिसियोलॉजी के 35, जनरल मेडिसिन के 40, जनरल सर्जरी के 36, ऑर्थोपेडिक्स के 28, पैथालॉजी के 21, आप्थलमोलॉजी के 16, ईएनटी के 16, रेस्प्रिरेटरी मेडिसिन के 7, डर्माटोलॉजी के 8, माइक्रोबॉयोलॉजी के 7, रेडियोडायग्नोसिस के 15, रेडियोलॉजी के 3, साइकेट्री के 10, रेडियो थैरेपी के 5, रेडिएशन आंकोलॉजी का एक, कम्युनिटी मेडिसिन के 6, फार्माकोलॉजी के 7, बॉयोकेमेस्ट्री के 3, फॉरेंसिंग मेडिसिन का एक, आईएचबीटी का एक और फिजियोलॉजी के 2 छात्र चिकित्सक शामिल हैं।