नई दिल्ली
नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इस महीने की शुरुआत में चंडीगढ़-लेह उड़ान के कॉकपिट में एक अनधिकृत व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति देने के लिए एयर इंडिया के एक पायलट का लाइसेंस एक साल के लिए निलंबित कर दिया है। एक आधिकारिक बयान में बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी गई।
डीजीसीए ने कहा कि पायलट-इन-कमांड का लाइसेंस एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है, जबकि ‘प्रथम अधिकारी' का लाइसेंस एक महीने की अवधि के लिए निलंबित किया गया है। डीजीसीए ने तीन जून को हुई घटना के बाद जांच लंबित रहने तक दोनों पायलटों को सेवा से हटाने का आदेश दिया। डीजीसीए के सुरक्षा मानदंडों के अनुसार, अनधिकृत लोगों को कॉकपिट में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है और ऐसा कोई भी प्रवेश मानदंडों का उल्लंघन कर सकता है।
डीजीसीए ने बयान में कहा, “मेसर्स एयर इंडिया की उड़ान एआई-458 (चंडीगढ़-लेह) के पायलट-इन-कमांड ने तीन जून को प्रस्थान के दौरान एक अनधिकृत व्यक्ति को कॉकपिट में आने की अनुमति दी और वह व्यक्ति पूरी उड़ान के दौरान कॉकपिट में ही रहा।” इसमें कहा गया है कि ‘प्रथम अधिकारी' ने कॉकपिट में व्यक्ति के अनधिकृत प्रवेश पर "कोई चिंता नहीं जताई" या मानदंडों के उल्लंघन की रिपोर्ट नहीं की। डीजीसीए ने इस साल फरवरी में दुबई-दिल्ली उड़ान में हुई इसी तरह की घटना की रिपोर्ट नहीं करने के लिए पिछले महीने एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।