Home मध्यप्रदेश महू में बाघ की दहशत हजारों लोगों खौफज़दा, स्कूलों का समय...

महू में बाघ की दहशत हजारों लोगों खौफज़दा, स्कूलों का समय भी बदल दिया

3

महू

इंदौर के नजदीक महू तहसील में बाघ ने हजारों लोगों और बच्चों को खौफज़दा कर रखा है. बाघा का खौफ इतना है कि अब स्थानीय स्तर पर स्कूलों का समय भी बदल दिया गया है. यानि सुबह की पाली के बजाए स्कूल दोपहर की पाली में लगाए जा रहे हैं. इस बीच मध्यप्रदेश के वनमंत्री पर कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने हमला बोला है.

दरअसल, वन मंत्री विजय शाह ने इंदौर में एक बैठक की थी इस दौरान उन्होनें कहा था कि बाघ आदमखोर नही है इस बात की मैं गारंटी लेता हूं.  विजय शाह ने यह भी कहा था कि बाघ कोई गुंडा बदमाश नही है जिसे आसानी से पकड़ लिया जाए.  इस बयान के बाद सूबे की सियासत में बाघ के जरिए कांग्रेस भाजपा के वरिष्ठ नेता और काबिना मंत्री विजय शाह को घेरने में जुट गई है.

क्या कहा कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने
वन मंत्री विजय शाह द्वारा दिए गए उपरोक्त बयान के संदर्भ में कांग्रेस के प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा कि महू तहसील के ग्राम मलेंडी में एक ग्रामीण का आदम खोर बाघ द्वारा शिकार किए जाने से तहसील के लगभग पच्चीस गांव के लोग दहशत में जी रहे हैं.जबकि ग्रामीण लगातार वन विभाग और प्रशासन से सुरक्षा की गुहार कई दिनों से लगा रहें है. लेकिन  प्रशासनिक लापरवाही की वजह से एक ग्रामीण बाघ का शिकार बन गया और वन मंत्री विजय शाह अपने अमले को बचाते हुए दावा कर रहे है की बाघ आदम खोर नहीं है. मैं उसकी गारंटी लेता हूं और कोई गुंडा बदमाश भी नहीं है जो जाकर पकड़ लिया जाए

इस तरह के गैर जिम्मेदाराना  और हास्यास्पद बयान देकर मंत्री अपना पल्ला झाड़ रहें है. मृतक ग्रामीण को एक करोड़ का मुआवजा दे सरकार और लापरवाह अधिकारियों पर कार्यवाई करे.

अब तक बाघ को नहीं पकड़ पाया अमला
महू में स्कूलों का समय सुबह की जगह दोपहर की पाली में किया गया है. इसके पीछे जो कारण बताया जा रहा है वह यह है कि बाघ सुबह और शाम को अपना शिकार करता है जबकि दोपहर में वह आराम करता है. ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी इंदौर मंगलेश व्यास द्वारा एक आदेश जारी किया गया जिसमें कहा गया कि सुबह 10:30 बजे के पहले स्कूल नहीं लगाया जाएगा. वही यह सुनिश्चित किया जाए कि शाम को 4:00 बजे के पहले स्कूलों से बच्चे निकलकर घरों तक पहुंच जाएं.

दरअसल वन विभाग के मुताबिक बाघ के शिकार करने की प्रवृत्ति सुबह और शाम की होती है जबकि दोपहर में बाघ आराम करता है वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग ने स्कूलों को सुबह लगाने की बजाय दोपहर की पाली में लगाने का फैसला किया है. इधर वन विभाग का अमला बाघ को ट्रैक करने के लिए योजना के मुताबिक काम कर रहा है लेकिन उसे अभी तक सफलता नहीं मिली है.

गौरतलब है कि इस बाघ ने पिछले दिनों एक बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया था और हादसे में बुजुर्ग की मौत हो गई थी. जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास इस मामले में कहते हैं कि जब जंगल में जंगली जानवर का पता चलता है तो ग्रामीण बच्चे घर से तो स्कूल का कहकर जाते हैं लेकिन वह घर के बड़े लोगों के साथ बाघ को देखने पहुंच जाते हैं. इस तरह की जिज्ञासा इससे पहले भी देखने को मिली और जब स्थिति बिगड़ती है तो अभिभावक बच्चों का बचाव करते हैं लेकिन बच्चे दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं.

आपको बता दें कि महू क्षेत्र में आने वाले 14 स्कूलों में 12:00 सौ से ज्यादा बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं इनके साथ ही स्कूलों में 3 दर्जन से ज्यादा शिक्षक पढ़ाने जाते हैं. कई स्कूल ऐसे हैं जहां कि बच्चों को स्कूल तक पैदल जाना पड़ता है जो बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है इस सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला किया गया है.