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मुरादाबाद और बरेली में प्रसव करवाना असुरक्षित, हैरान कर देंगे ये असुरक्षित डिलिवरी के आंकड़े

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बरेली  
बरेली मंडल में एक साल में 39 हजार से अधिक असुरक्षित घरेलू प्रसव हुए। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने की तमाम योजनाओं के बाद भी मंडल में बिना प्रशिक्षित प्रसव कर्मी (स्किल्ड बर्थ अटेंडेंट) के 39 हजार से अधिक नवजात बच्चों का जन्म हुआ है। पूरे प्रदेश में बरेली मंडल सबसे खराब जिलों में दूसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर मुरादाबाद मंडल है जहां 40064 असुरक्षित घरेलू प्रसव हुए हैं।

मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सरकार लगातार संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए जननी सुरक्षा योजना, एंबुलेंस की सुविधा समेत तमाम संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, सरकार आशा कार्यकत्रियों को भी प्रशिक्षित कर रही है। जिससे अगर किसी स्थिति में घरेलू प्रसव हो तो कम से कम प्रसव कराने के लिए जरूरी प्रशिक्षण प्राप्त कर्मी की देखरेख में हो। लेकिन इसके बाद भी 2022-23 में प्रदेश में 254796 घरेलू प्रसव स्किल्ड बर्थ अटेंडेंट के बिना हुए।
 

मैटर्निटी हेल्थ ने प्रदेश के सभी मंडलों की स्थिति की समीक्षा रिपोर्ट जारी की है। सबसे खराब स्थिति मुरादाबाद मंडल की है। यहां 40064 असुरक्षित घरेलू प्रसव हुए हैं। दूसरे नंबर पर बरेली मंडल है जहां 39885 असुरक्षित घरेलू प्रसव हुए हैं। खराब स्थिति वाले मंडलों में तीसरे नंबर पर लखनऊ, चौथे नंबर पर गोंडा और पांचवे नंबर पर बस्ती मंडल है। अधिक असुरक्षित प्रसव वाले जिलों में संस्थागत प्रसव को बढ़ाने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया गया है।

सबसे खराब जिलों में बरेली-शाहजहांपुर प्रदेश में सबसे खराब 5 जिलों की सूची में मंडल के दो जिले बरेली और शाहजहांपुर शामिल हैं। शाहजहांपुर में 14 हजार से अधिक असुरक्षित घरेलू प्रसव हुआ है। वहीं बरेली जिले में 12617 असुरक्षित प्रसव हुए हैं। असुरक्षित प्रसव को रोकने के लिए ही सरकार आपात स्थिति में घर पर प्रसव के लिए प्रशिक्षण देती है। एंबुलेंस कर्मचारियों, आशा कार्यकत्रियों को यह प्रशिक्षण दिया जाता है। लेकिन यह सिर्फ आपात स्थिति के लिए ही है जब गर्भवती के अस्पताल पहुंचने की संभावना न हो।