औबेदुल्लागंज
औबेदुल्लागंज से देलावाड़ी के बीच करमई गांव के नजदीक पिछले चार दिनों से घायल बाघ की दहशत बरकरार है। बुधवार को वन विभाग की टीम ने करीब सात किलोमीटर पैदल चल कर बाघ के पास पहुंचने का प्रयास किया। वन्य प्राणी विशेषज्ञों के साथ वन विभाग के कर्मी लाठी लेकर ऊंची-नीचे चट्टानों पर चल रहे थे।
इस बीच दल जगह-जगह रूक कर बाघ के पग मार्गों को देखने का प्रयास भी करता रहा। दोपहर के बाद दल ने बाघ को देखने के लिए ड्रोन उड़ाने का निर्णय लिया। दल को ड्रोन से बाघ की लोकेशन का अनुमान तो मिला लेकिन सटीक लोकेशन तलाशने में सफलता नहीं मिल सकी है।
करमई गांव के निवासी एवं मध्य प्रदेश आदिवासी विकास परिषद के सचिव विनोद इरपाचे बताते हैं कि वन क्षेत्र करमई बमनई भूतपलासी नासीपुर यह सभी क्षेत्र वन विभाग के अधीन है इधर टाइगर मूवमेंट होता रहता है अभी पांच दिनों से पहाड़िया पर टाइगर की खबर से ग्रामीणों में डर का माहौल है।
वन विभाग विशेषज्ञ की मदद से शीघ्र ही इस टाइगर को रेस्क्यू कर ग्रामीण का भय खत्म करने की मांग की है। इधर पूर्व वन समिति अध्यक्ष इमारत सिंह दरबार का कहना है कि वन क्षेत्र में नाकेदार डिप्टी जंगल में नहीं जाकर कागजी कार्रवाई कार्यालय में बैठकर करते हैं केवल निर्माण के कार्यों में ही रुचि लेते हैं इन सभी की जांच होनी चाहिए टाइगर के मूवमेंट 5 दिन मे पता नहीं कर पाई यह बड़ी बात है।