15 साल बाद मिला न्याय, गुरूजियों को न्याय की उम्मीद
–नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता की गुत्थी उलझी मुख्यमंत्री भी कर चुके घोषणा
–शिक्षक संवर्ग में शामिल हुए गुरुजी बोले कि आंदोलन में आवाज भी नहीं दी जा रही उठाने
भोपाल
पात्रता परीक्षा के बाद शिक्षक संवर्ग में शामिल हो चुके प्रदेश के 28000 गुरुजी एक प्रकार से अपने हाल पर छोड़ दिए गए हैं। सेवा में इनकी शुरुआत शिक्षा गारंटी शालाओं से हुई थी। परीक्षा के बाद इन्हें शिक्षक बनाया गया लेकिन नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता का मामला उलझा हुआ है। आरोप है कि मुख्यमंत्री स्वयं अपने आवास में घोषणा कर चुके हैं। लेकिन यह मुद्दा अधिकारियों ने फाइलों में दबा कर रख दिया है।
गुरुजी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष गजेंद्र गुर्जर का कहना है कि छात्र छात्राओं के शिक्षण कार्य में बाधा उत्पन्न न हो। इसलिए ग्रीष्म अवकाश में अपनी मांगों (प्रथम नियुक्ति दिनांक से सेवाकाल की गणना क्रमोन्नति एवं वेतन निर्धारण के लिए की जाने की) और डी एड योग्यता पूर्ण गुरुजियों का अध्यापक संवर्ग में संविलियन के आदेश कराए जाने के लिए अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया जा रहा था। उसी क्रम में 1 जून 2023 से विदिशा से पैदल रैली निकाली जो तीसरे दिन 70 कि मी दूरी तय करते हुए 3 जून को भोपाल के नीलम पार्क पहुंची। पर प्रशासन ने कर्मचारियों के अधिकारों का हनन करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल को कुचलने के लिए 4 जून को धरना स्थल की परमीशन निरस्त करदी। वहीं विभाग के अधिकारियों ने ग्रीष्म कालीन अवकाश अवधि को कम कर 2 जून को अवकाश निरस्त कर दिये गये थे।
जिससे प्रदेश के 3 लाख शिक्षक प्रभावित हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि हर वर्ष ग्रीष्म कालीन अवकाश 1 मई से 9 जून तक और छात्र छात्राओं के लिए 1 मई से 16 जून तक ग्रीष्म अवकाश निर्धारित है। गरुजी संवर्ग से नियुक्त प्राथमिक शिक्षक इससे डरने वाले नहीं हैं। अपने हक अधिकार के लिए बिना अवकाश के भी आंदोलन करेंगे पर पीछे नहीं हटेंगे। अगर शासन चाहता है कि संगठनों द्वारा आंदोलन न किए जाएं तो विभाग द्वारा उनकी मांगो को जानने और उनके निराकरण के लिए संगठनों के साथ बैठक करें।
अभी लोकशिक्षण संचालनालय आयुक्त भोपाल द्वारा पांच संगठनों को बुलाकर बैठक कर ली, पर गुरुजी संगठन को चर्चा के लिए नहीं बुलाया गया, जबकि मुख्यमंत्री द्वारा गुरुजी संवर्ग के शिक्षकों को प्रथम नियुक्ति दिनांक से सेवाकाल का लाभ दिये जाने घोषणा की गई है। यह सबसे गंभीर और लंबे समय से लंबित मुद्दा है।
28000 गुरुजियों के साथ न्याय होना जरूर-अतुल मिश्रा
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अतुल मिश्रा कहते हैं कि अधिकारियों ने जानबूझकर इन कार्मिकों के साथ अन्याय किया है। नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता का यह अधिकार रखते हैं। अगर 28000 हजार गुरुजी शिक्षकों के साथ जून माह के अंत तक मुख्यमंत्री एवं शासन ने न्याय नहीं किया तो एक बार फिर ऐतिहासिक आंदोलन किया जाएगा। जसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन की होगी।