मुंबई
‘शगुन’ और ‘दीया और बाती हम’ जैसे टीवी सीरियल्स में नजर आ चुकीं एक्ट्रेस सुरभि तिवारी एक बार फिर चर्चा में हैं। वो मुंबई में क्षेत्रीय भेदभाव का शिकार हुई हैं। उनके साथ बदसलूकी भी की गई है। उनसे कहा गया कि ‘तुम यूपी-बिहार के लोग हमारा हक खाने आ जाते हो’। सिर्फ यही नहीं, जब एक्ट्रेस ने पलट कर सवाल पूछे तो उन्हें ऑफिस के बाहर बैठने को कह दिया गया। सुरभि के साथ ये सब तब हुआ, जब वो तहसीलदार ऑफिस में डोमिसाइल डॉक्यूमेंट्स अपग्रेड कराने पहुंची थीं।
सुरभि तिवारी ने एक्सक्लूसिव बातचीत में इसका खुलासा किया और अपना दर्द साझा किया। उन्होंने कहा, मीरा भाईंदर वेस्ट तहसीलदार ऑफिस में छठा दिन है। मैंने इतने धक्के खाए हैं यहां पर। मेरी मम्मी 70 साल की हैं, वो तीन बार यहां पर आ चुकी हैं। साल 2008 में फैमिली का डोमिसाइल डॉक्यूमेंट बन गया था। अब महाराष्ट्र सरकार बारकोड वाला डोमिसाइल लेकर आई है। तो अब उसको अपग्रेड करना है। वो पुराने डोमिसाइल को अपग्रेड नहीं कर रहे हैं और कह रहे हैं कि नए सिरे से डोमिसाइल बनवाओ, जबकि हमारे पास सारे डॉक्युमेंट्स हैं, लेकिन वो लोग कोई चीज मान नहीं रहे थे। एक्ट्रेस ने आगे कहा, नायब तहसीलदार स्मिता गुराव ने पूछा कि मां का बर्थ सर्टिफिकेट कहां हैं! हमने बताया कि उस जमाने में सर्टिफिकेट कहां बनते थे। हॉस्पिटल थे नहीं, मां घर में पैदा हुई थीं। मैं कहां से लाकर दूं सर्टिफिकेट। स्कूलिंग का सर्टिफिकेट नहीं होता था। शादी रजिस्टर होती नहीं थी। जब सुरभि ने बताया कि सर्टिफिकेट नहीं है तो उनसे कहा गया कि गैजेट बनवाइये। तब एक्ट्रेस ने बोला, मैंने कहा कि मेरे पिता का साल 2014 में निधन हो गया था, गैजेट बनवाएंगे तो उनके साइन लगेंगे, वो कहां से होगा। क्या फर्जी साइन करें। बाकी सारे डॉक्युमेंट्स हैं। फिर उन्होंने कहा कि आपको 70 साल की मां का क्यों डोमिसाइल चाहिए? मैंने कहा कि मैम आप ही लोग का कानून है।
अगर मां-बाप का डोमिसाइल होगा तो बच्चों का डोमिसाइल बनेगा। अगर मेरी मम्मी का ही नहीं होगा, तो आप हमारा कैसे बनाएंगी। सुरभि ने आगे बताया कि नायब तहसीलदार ने बदसलूकी करते हुए कहा, तुमको म्हाडा में नौकरी के लिए फॉर्म भरना होता है। तुम यूपी-बिहार वाले आकर हमारा मराठी लोगों का सब लेकर जाना है। एक्ट्रेस ने बताया कि उसने सबके सामने अपमानित किया। एक्ट्रेस ने कहा कि उनके दादा जी और पिता जी मुंबई में ही रहे। बुआ और चाचा की पैदाइश भी यहीं पर हुई है। मुंबई में ये उनकी तीसरी जेनरेशन है, जो रह रही है। उन्होंने कहा, मीरा भाईंदर में तो पिता ने 1986 में ही फ्लैट खरीदा था। तब से लेकर अब तक के सारे डॉक्युमेंट्स हैं। इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सुरभि के पिता बॉम्बे बेस्ट के इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट में सरकारी नौकरी करते थे। नाना उमाशंकर मिश्रा फ्रीडम फाइटर रहे थे।