झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुरक्षा कारणों से सरकारी बुलेट प्रूफ और एस्कॉर्ट वाहन दिए गए हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगे रहने तक पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बुलेट प्रूफ वाहनों और एस्कॉर्ट वाहनों का खर्च स्वयं उठाना होगा। राज्य के आईजी प्रोविजन अरूण कुमार सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। आदेश की प्रति सभी जिलों के एसपीए रेल एसपी व जैप के सभी कमांडेंट को भेजी गई है। आईजी प्रोविजन ने आदेश जारी किया है कि जिन पूर्व मुख्यमंत्रियों को वाहन आवंटित हैं, उनके कार्यालय कार्य और राजनीतिक कार्य को आपस में मिलाया नहीं जाए। सरकारी वाहनों का उपयोग किसी भी तरह से राजनीतिक कार्य या सभास्थल पर जाने चुनाव प्रचार करने या राजनैतिक रैली में शामिल होने के लिए नहीं किया जा सकता। आईजी प्रोविजन ने साफ लिखा है कि किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े नेता को परोक्ष रूप से सहायता देने के लिए सुरक्षा वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं की जाए। राज्य सरकार के द्वारा सुरक्षार्थ जिस व्यक्ति को बुलेट प्रूफ सरकारी गाड़ी दी गई है, उसका सारा परिवहन व्यय वीवीआईपी को स्वयं उठाना होगा। यानि किसी भी तरह के सरकारी वाहन या सुरक्षा के लिहाज से संलग्न वाहन के लिए जिला रक्षित परिवहन मुख्यालय ईकाई आचार संहिता जारी रहने तक ईंधन की आपूर्ति नहीं करेगी। यहीं नहीं वीवीआईपी के द्वारा यदि सरकारी बुलेट प्रूफ वाहन से यात्रा की जाएगी तो इस पर किसी अन्य राजनीतिक दल के नेताओं को बैठाया भी नहीं जा सकता।