इंदौर
मलेंडी में आदमखोर हुए बाघ के अलावा मानपुर रेंज की नंदलाई घाटी में भी एक और बाघ होने के प्रमाण मिले हैं। दोनों गांवों के बीच की दूरी करीब 16 किलोमीटर है। नंदलाई घाटी में भी मवेशी का शिकार किए जाने, मल-मूत्र और बाघ की रगड़ के निशान पता चले हैं। इसी समय मलेंडी में बाघ की सक्रियता पता चली है।
इंदौर वन मंडल में 4 से 5 बाघ होने का दावा किया जाता है। डीएफओ नरेंद्र पंडवा का कहना है कि पिछली गणना के दौरान जो प्रमाण मिले थे, उससे प्राथमिक रूप से पता चला था कि बाघों की संख्या महू, मानपुर और चोरल रेंज में मिलाकर 4 से 5 हो सकती है। चूंकि इन तीनों रेंज का जंगल आपस में जुड़ा हुआ है, इस कारण काफी बड़ी टेरेटरी बाघ के लिए हो जाती है।
गांव में सन्नाटा, ग्रामीणों ने घर के बाहर सोना बंद किया
मलेंडी में बाघ की इतनी दहशत है कि गांव में सन्नाटा है। सड़कों, वन क्षेत्रों में लोग 4 से 5 की संख्या में जा रहे हैं। वहीं रात को घर के बाहर ओटले पर सोने की प्रथा भी बंद हो गई है। लोग घरों के दरवाजे लगाकर सो रहे हैं। जिनके घर टीन शेड के हैं, उन पर भी वजन रखा गया है, ताकि ऊपर चढ़कर बाघ घर में न घुस जाए। मवेशियों को भी चराने ले जाना बंद कर दिया है। उन्हें तबेलों में ही घास, भूसा लाकर दिया जा रहा है।
लोगों को सुरक्षा खुद करना होगी
मलेंडी सहित आसपास के 5 गांव के लोगों को अपनी जान की सुरक्षा खुद करना होगी। कारण यह है कि भोपाल के मदरबुल फॉर्म में भी बाघ नजर आया है। उसके द्वारा गाय पर हमला किए जाने का वीडियो भी सामने आया है। स्टेट रेस्क्यू टीम जिसे इंदौर आना था, वह भोपाल में ही व्यस्त हो गई है। मतलब 5 गांव की आबादी को घरों में ही रहना होगा।
वन मंत्री बोले- बाघ आदमखोर नहीं
बाघ के आदमखोर होने के दो दिन बाद मंगलवार को वन मंत्री विजय शाह इंदौर आए। नवरतन बाग स्थित वन विभाग के मुख्यालय में वे बोले- टाइगर कोई बदमाश नहीं जो पकड़ लो, दबोच लो। मीडिया के सामने मंत्री ने कहा हम टाइगर के क्षेत्र में घुसे न कि टाइगर हमारे क्षेत्र में। एक बार मनुष्य का शिकार कर लेने पर बाघ आदमखोर हो जाता है, इस पर मंत्री ने कहा टाइगर की जवाबदारी मैं लेता हूं। वह आदमखोर नहीं है।