नई दिल्ली.
मुंबई में बीएमसी के कोविड सेंटर घोटाले केस को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कसता जा रहा है। ईडी की टीम ने बुधवार सुबह 16 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की है। ये छापेमारी राजधानी मुंबई में हुई है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के करीबियों पर छापेमारी हुई है। इनमें से कुछ लोग पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे के भी करीबी हैं। जानकारी के मुताबिक, छापेमारी शिवसेना (यूबीटी) की युवा सेना सचिव सूरज चव्हाण के ठिकाने पर भी हुई है। जिन आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है, उनमें बीएमसी अधिकारी, सप्लायर्स और आईएएस अधिकारी भी शामिल हैं।
देवेंद्र फडणवीस ने उठाए सवाल
राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र विधानसभा में एक रिपोर्ट पेश की है। फडणवीस का आरोप है कि महानगरपालिका का प्रशासन पूरी तरह अपारदर्शी और भ्रष्ट था। यह रिपोर्ट सिर्फ 12 हजार करोड़ रुपये का काम के बारे में है, लेकिन पूरा काम और चौंकाने वाली चीजें उजागर करेगा। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान अनियमितताओं के अलावा जांच में यह भी पाया गया कि दो अलग-अलग विभागों में 20 कार्य बिना निविदा के प्रदान किए गए थे।
किरीट सोमैया ने लगाया घोटाले का आरोप
बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कोरोना काल में कोरोना सेंटर में मेडिकल इक्विपमेंट्स खरीदने के मामले में घोटाले का आरोप लगाया था। इस मामले में बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल से भी पूछताछ की जा चुकी है। चहल पर आरोप है कि उन्होंने कोविड सेंटर के कॉन्ट्रैक्ट बेनामी कंपनियों को दिए थे। इनमें से ज्यादातर कंपनियों को मेडिकल फील्ड में कोई अनुभव नहीं था, फिर भी इन्हें कॉन्ट्रैक्ट दिया गया। ये घोटाला करीब 100 करोड़ रुपये का बताया जाता है।