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गो ग्रीन वेयरहाउस में कर्मचारी की हुई हादसे में मौत, परिवार भुखमरी की कगार पर

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कार्य करते समय वेयरहाउस की बोरियां कंधे पर गिरने से ईलाज के लिया करवाया था भर्ती, ईलाज के समय आश्वासन देने के बाद अब भूला गो ग्रीन वेयरहाउस प्रबंधन
भोपाल

परिवार के मुखिया की मौत हो जाने के बाद परिवार की जो क्षति होती है उसकी भरपाई कोई नहीं कर सकता, लेकिन जब अबोध बच्चों के साथ उसकी पत्नी पर बच्चों की शिक्षा के साथ घर खर्च की भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिस पर परिवार किराए के मकान में रहता हो तो कर्ज के बोझ से दबने लगता है। यह वाक्या
महेंद्र सिंह राजपूत जो मंडीदीप में स्थित Go Green कंपनी के वेयर हाउस में कार्य करते थे कंपनी में हुए 10 अप्रैल 2023को एक हादसे के कारण उनकी एम्स हॉस्पिटल भोपाल में इलाज के दौरान दिनांक 20 अप्रैल को मृत्यु हो गई, मृतक की पत्नी अन्नू राजपूत तथाउसके परिवार से कंपनी प्रबंधन ने जो वायदा दुर्घटना के बाद पत्नी अन्नु राजपूत एवं परिवार के समक्ष किए थे उन्हें पूरा करने के बजाय परिवार की हालत जानते हुए भी मूंह फेर लेने के बाद पीड़िता ने सतलापुर थाने में कंपनी केखिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए आवेदन दिया और कई बार थाने के चक्कर काटते रहे है। लेकिन एफ आई आर दिनांक 20 जून को दर्ज हुई।

 इंतजार करती रही पीएम रिपोर्ट का पुलिस  दिनांक 20 अप्रैल को मृत्यु हो जाने के बाद से मृतक की पत्नी अन्नू राजपूत तथाउसके परिवार ने सतलापुर थाने में कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए आवेदन किया और कई बार थाने के चक्कर काटते रहे  किन्तु 2 माह होने के बाद भी पुलिस ने दोषी कंपनी प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की। पुलिस कर्मियों का कहना था कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने दो ऐसे बहाने बनाकर गुमराह करती रही है। पीड़ित परिवार ने सीएम हेल्पलाइन सहित वरिष्ठ अधिकारियों को कार्रवाई करने हेतु निवेदन किए पर कार्रवाई नहीं की।

अचानक जमी हुई अनाज की छल्ली में से बोरिया गिरने से हुए थे गंभीर घायल

जानकारी देते हुए पीड़िता ने बताया कि स्व. महेंद्र सिंह राजपूत मंडीदीप में स्थित गो ग्रीन कंपनी के वेयर हाउस में सुपरवाइजर की नौकरी किया करते थे दिनांक 10 अप्रैल 2023 को वह वेयर हाउस में रोज़ की तरह अनाज की बोरियों की गिनती का कार्य कर रहे थे अचानक जमी हुई अनाज की छल्ली में से कुछ बोरिया उन पर गिर गई जिसके बाद वो बेहोश हो गए , वेयर हाउस में मौजूद कुछ कंपनी के कर्मचारियों ने उन्हें एम्स हास्पिटल में भर्ती कराया गया, जहाँ डॉक्टर ने उनके स्पाइनल कार्ड और अंदरूनी शरीर में गंभीर चोट होने का जानकारी परिवार को दी तथा ऑपरेशन करने हेतु एडमिट करने को कहा इलाज के दौरान दिनांक 20 अप्रैल 2023 की रात उनका देहांत हो गया और 21 अप्रैल को उनका पोस्टमार्टम हुआ जिसके बाद से कंपनी द्वारा परिवार को वेतन सहित अन्य सुविधाएं देने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन उन्हें पूरा करना तो दूर बच्चों की शिक्षा और परिवार की आर्थिक सहायता भी नहीं की।

आर्थिक सहायता, पीएफ सहित बीमा राशि दिलवाने में प्रबंधन कर रहा लापरवाही
मिली जानकारी के अनुसार गो ग्रीन वेयरहाउस कंपनी द्वारा स्व. महेंद्र सिंह राजपूत के परिवार को आर्थिक सहायता, वेतन देते रहने सहित कई वायदे किए थे, जब उन्हें पूरा किए जाने में लापरवाही बरती गई तो निराश होकर एफआईआर दर्ज करवाई गई। परिवारजनों ने कहा कि दुर्घटना के समय कंपनी द्वारा 50 हजार रुपए जमा किए थे। जबकि ईलाज में करीब 5 लाख रूपए खर्च आया इस अप्रत्याशित खर्च परिवारजनों ने किस मुसीबत से जुटाए यह हम ही जानते हैं।