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राजधानी में मंदिरों के बाहर लगे पोस्टर चर्चा में, हाफ पैंट, मिनी स्कर्ट और नाइट सूट पहन ना करे प्रवेश

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भोपाल.

प्रदेश में कई मंदिरों के बाहर लगे पोस्टर चर्चा में हैं। इस पोस्टर में युवक-युवतियों को हिदायत दी गई है कि वो हाफ पैंट और मिनी स्कर्ट जैसे दूसरे कपड़े पहनकर मंदिर के अंदर प्रवेश ना करें। पोस्टर में कहा गया है कि मंदिर में श्रद्धालुओं के वेस्टर्न कपड़े पहनकर घुसने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मंदिरों के बाहर और अंदर लगे इन पोस्टर के जरिए अपील की गई है कि श्रद्धालु असभ्य कपड़े नहीं बल्कि सभ्य कपड़े पहनकर ही मंदिर के अंदर प्रवेश करें। मध्य प्रदेश संस्कृति बचाओ मंच ने यह पोस्टर भोपाल के मंदिरों में लगाए हैं और वेस्टर्न यूनिफॉर्म में आने वाले श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश पर बैन लगा दिया है।

 बातचीत में इस मंच के अध्यक्ष और पुजारी चंद्रशेखर तिवारी ने कहा, 'मंदिर संस्कृति और पूज्नीय जगह है। यह हमारी परंपरा रही है कि हम मंदिर में सभ्य कपड़े पहनकर आते हैं। आज लड़कियां हाफ पैंट पहनकर मंदिर जाती हैं जो ऐसे कपड़े पहनना असभ्यता है। मंदिर की गरिमा बनाए रखने के लिए कपड़े पारंपरिक होने चाहिए।' जो पोस्टर मंदिर के अंदर लगाए गए हैं उनमें कहा गया है कि यह एक धार्मिक जगह है, कोई पर्यटन स्थल नहीं है। कृप्या कर मंदिर के अंदर सिर्फ सभ्य कपड़े ही पहनकर प्रवेश करें। अगर छोटे कपड़े, हाफ पैंट, मिनी स्कर्ट और नाइट सूट पहनकर आते हैं तो मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी। सनातन धर्म को मानने वाले लोगों से सहयोग की उम्मीद है।

चंद्रशेखर तिवारी ने यह भी कहा कि महिलाएं पब और डिस्को में साड़ी पहनकर नहीं जाती है। जब ऐसी जगहों पर ड्रेस कोड है तो सिर्फ सभ्य कपड़ों में ही धार्मिक जगहों पर प्रवेश की अनुमति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्कृति मंच ने इस पहल की शुरुआत पूरे प्रदेश में की है। चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि हम सभी धार्मिक स्थानों के प्रबंधन और उनके संस्थापकों से अपील करते हैं कि वो सिर्फ सभ्य कपड़ों में ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति श्रद्धालुओं को दें। संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष ने कहा कि भोपाल के कई मंदिरों में यह पोस्टर लगाए गए हैं और लोगों से अपील की गई है कि वो सिर्फ सभ्य और पारंपरिक कपड़ों में ही मंदिर में आएं।