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पार्टी में नेता-कार्यकर्ता की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी, सीधे दिखाएंगे बाहर का रास्ता

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भोपाल

प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने बाकी है। चुनावी तैयारियों में जुटी भाजपा सोशल मीडिया को लेकर काफी सतर्क नजर आ रही है। अब पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि जो नेता-कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर पार्टी विरोधी बयानबाजी करेंगे उनकी अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पदाधिकारियों को इस बात की ताकीद दी गई कि अगर किसी को कुछ भी कहना है तो संगठन स्तर पर सीधे मिलकर संवाद के जरिए शिकायतें करें।

बीजेपी ने एक बार फिर साफ किया है कि पार्टी से जुड़े जो नेता, कार्यकर्ता और पदाधिकारी संगठन के विरुद्ध सोशल मीडिया पर पोस्ट डालेंगे या पार्टी नेताओं के विरुद्ध बयानबाजी करेंगे, उन्हें स्थानीय संगठन प्रभारी की रिपोर्ट पर तुरंत पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। पार्टी में अनुशासनहीनता किसी भी स्थिति में मंजूर नहीं होगी। इसके साथ ही जिन लोगों को पार्टी ने निष्कासित किया है और वे इसके बाद भी पार्टी लाइन पर काम कर रहे हैं, उनकी जल्द पार्टी में वापसी कराने के लिए भी कहा गया है।

जबलपुर शहर, जबलपुर ग्रामीण, इंदौर शहर, इंदौर ग्रामीण, बड़वानी, झाबुआ, धार, खरगोन समेत अन्य जिलों के कोर कमेटियों के पदाधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने साफ किया है कि पार्टी के विरुद्ध बयानबाजी बर्दाश्त नहीं होगी। इसलिए स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को यह मैसेज दें कि अगर किसी को कुछ कहना है तो संगठन स्तर पर सीधे मिलकर या अन्य संवाद के जरिये शिकायतें करें, सुझाव दें लेकिन सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट डालकर या बयानबाजी कर पार्टी और संगठन के किसी पदाधिकारी, नेता के विरुद्ध बात कही गई तो ऐसे लोगों को स्थानीय प्रभारी की रिपोर्ट पर तुरंत पार्टी से हटाने का काम किया जाएगा। इन सभी ने कहा कि सबकी जिम्मेदारी है कि जो लोग नाराज हैं, उन्हें काम पर लगाएं और अगले तीन माह तक पाजिटिव सोच के साथ काम करें। जिसे विधायक का टिकट मिले उसकी जीत के लिए काम करें।

प्रशासन में कसावट के मांगे सुझाव
बैठक के दौरान जिलों में किए जाने वाले कामों और प्रशासनिक कसावट के लिए भी पदाधिकारियों से सुझाव लिए गए। कई विधायकों ने इस दौरान प्रदेश की बड़ी समस्याओं की ओर सरकार और संगठन का ध्यान आकृष्ट किया तो कई ने विधानसभा में किए जाने वाले कामों के बारे में बताया। बैठक में पार्टी से निष्कासन के बाद भी पार्टी लाइन में काम करने वालों की जल्द वापसी कराने के लिए भी कहा गया। साथ ही कहा गया कि ज्यादा तबादलों के फेर में पदाधिकारी न पड़ें। कम से कम तबादले कराने पर जोर दें।

कितना भी बड़ा नेता हो, महासंपर्क अभियान में जाना ही होगा
बैठक में कहा गया है कि कितना भी बड़ा नेता हो, उसे महासंपर्क अभियान में जाना है और इसके लिए सबकी जिम्मेदारी है कि सबसे पहले अपने बूथ में लोगों से घर-घर जाकर मिलें। संवाद के दौरान लोगों से सरकार की योजनाएं बतानी हैं और अगर कोई कुछ शिकायत करता है तो उस पर प्रत्युत्तर नहीं देना है। कोई सुझाव देता है तो उसे आने वाले समय में कराने के लिए आश्वस्त करना है। यह भी कहा गया कि पार्टी ही सब कुछ है जिन लोगों ने पिछले सालों में पार्टी से विरोध लेकर चुनाव लड़ा वे अपना हश्र देख चुके हैं। इसलिए पार्टी के लिए पूरी ताकत से जुटकर काम करें।