नई दिल्ली
कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। खुफिया अधिकारियों के मुताबिक वहां के स्थानीय प्रशासन ने निज्जर के मारे जाने की पुष्टि कर दी है। दो बाइक सवार हमलावरों ने गुरुद्वारे के पास उसे मार दिया। बीते कुछ ही महीनों में कई खालिस्तानी नेताओं की मौत हो चुकी है। इस तरह विदेश में बना खालिस्तानी नेटवर्क स्वतः ही खात्मे की ओर है। जो बचे हुए आतंकी हैं, वे सरकार के निशाने पर हैं।
खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल को 23 मार्च को पंजाब के मोगा से गिरफ्तार कर लिया गया था। वह काफी दिनों से फरार था। भारत में खालिस्तानी नेटवर्क मजबूत करने की जिम्मेदारी उसे सौंपी गई थी लेकिन वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया और आज सलाखों के पीछे है। मई में रिपोर्ट्स मिली थीं कि पाकिस्तान में खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवार की भी मौत हो गई। वह खालिस्तानी कमांडो फोर्स के शीर्ष नेताओं में से था। उसके संगठन को भारत में यूएपीए के तहत बैन कर दिया गया था और भारत सरकार ने उसे आतंकियों की सूची में रखा था।
यूके में भारतीय दूतावास पर हमला करने वाला भी नहीं रहा
भारत में अमृतपाल की धरपकड़ तेज हुई तो यूके में खालिस्तानी ऐक्टिव हो गए थे। अवतार सिंह खांडा की अगुआई में खालिस्तानी भारतीय दूतावास पहुंच गए और जमकर हंगामा और तोड़फोड़ की। यहां तक कि उन लोगों ने भारतीय झंडा भी उतार लिया। इस उपद्रव का अगुआ रहा अवतार सिंह खांडा बीते दिनों यूके के ही एक अस्पताल में दम तोड़ चुका है। उसे ब्लड कैंसर था।
पन्नू पर सरकार की निगाहें
अधिकारियों की मानें तो अब सिख फॉर जस्टिस का गुरपंतवंत सिंह पन्नू को गिरफ्तार करना सरकार की प्राथमिकता है। सूत्रों का कहना है कि कुछ दिन पहले ही एनआईए की टीम यूके पहुंची है। भारत सरकार राजनयिक तरीके से भी इस मामले को लेना चाहती है। भारत ने कनाडा और यूएस से भी इस तरह के आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। सरकार का कहना है कि इस तरह के आतंकी संगठन झूठ फैलाकर फंड इकट्ठा करना चाहते हैं ताकि वे भारत की शांति भंग कर सकें।