भुवनेश्वर
भारत ने रविवार को इंटरकॉन्टिनेंटल कप के फाइनल में लेबनान को 2-0 से हराकर दूसरी बार यह खिताब अपने नाम कर लिया।
कलिंगा स्टेडियम पर 12,000 फुटबॉल प्रेमियों के बीच खेले गये खिताबी मुकाबले में सुनील छेत्री (46वां मिनट) और लल्लियंज़ुआला छांगटे (66वां मिनट) ने भारत के गोल किये। उल्लेखनीय है कि चार टीमों के टूर्नामेंट में भारत के खिलाफ एक भी गोल नहीं हुआ।
भारत और लेबनान के बीच गुरुवार को खेला गया लीग चरण मुकाबला शून्य गोल पर समाप्त हुआ था। फाइनल के पहले हाफ में भी दोनों में से कोई टीम गेंद को नेट में नहीं पहुंचा सकी। लेबनान पर लगातार दबाव रखने के बावजूद भारत को खाता खोलने के लिये संघर्ष करना पड़ा।
कप्तान छेत्री ने पांचवें मिनट में सहल अब्दुल समद को क्रॉस दिया लेकिन लेबनान के बॉक्स में खड़े सहल इसका फायदा नहीं उठा सके। मैच के 22वें मिनट में लेबनान के कप्तान हसन मातूक भारतीय गोल के पास आये लेकिन उनका खराब निशाना भारत के लिये हानिरहित था।
पहले हाफ में गोल पर एक भी निशाना न लगा सकने वाली भारतीय टीम ने दूसरा हाफ शुरू होते ही खाता खोल लिया। भारत का पहला गोल करने के लिये निखिल पुजारी ने बॉल छांगटे को पास की। छांगटे ने बॉल को ड्रिबल करते हुए छेत्री के पास पहुंचाया, जिन्होंने अपना 87वां गोल दागते हुए भारत को बढ़त दिला दी।
कोच इगोर स्टिमच की टीम को अब बस अपनी बढ़त बरकरार रखने पर ध्यान देना था, हालांकि छांगटे के लिये रात अब भी बाकी थी। महेश ने सबसे पहले भारत की बढ़त दोगुनी करने का प्रयास किया, लेकिन लेबनान के गोलकीपर को पार नहीं कर सके। लेबनान के गोलकीपर सबेह बॉल को अपनी पकड़ में नहीं रख सके और पहले गोल में दर्शनीय असिस्ट करने वाले छांगटे ने धैर्य के साथ बॉल को नेट में पहुंचाकर भारत का स्कोर 2-0 कर दिया।
मैच के आखिरी 10 मिनटों में लेबनान के कप्तान मातूक के अलावा टीम कोई अवसर नहीं बना सकी। आखिरी मिनट में सबेह द्वारा महेश का हेडर रोके जाने के बावजूद भारत ने 2-0 से मुकाबला अपने नाम कर लिया।
इंटरकॉन्टिनेंटल कप में जीत के लिए भारतीय फुटबॉल टीम को एक करोड़ रुपये देगी ओडिशा सरकार
भुवनेश्वर
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने यहां इंटरकॉन्टिनेंटल कप खिताब जीतने के लिए भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम को एक करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की।
भारत ने कप्तान सुनील छेत्री के 87वें अंतरराष्ट्रीय गोल के अलावा लालियानजुआला छांगटे के गोल की मदद से रविवार रात कलिंग स्टेडियम में फाइनल में लेबनान को 2-0 से हराकर इंटरकॉन्टिनेंटल कप जीता।
पटनायक ने समापन समारोह के दौरान कहा, ''प्रतिष्ठित इंटरकॉन्टिनेंटल कप की मेजबानी करना हमारे राज्य के लिए बेहद गौरव की बात है। कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच जीत के लिए भारत को बधाई। हमारा इरादा ओडिशा में और अधिक फुटबॉल प्रतियोगिताओं की मेजबानी का है जिससे कि ओडिशा और भारत में खेल की प्रगति में मदद कर सकें।''
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने टूर्नामेंट के सफल आयोजन के लिए ओडिशा सरकार को धन्यवाद दिया।
चौबे ने कहा, ''हम इंटरकॉन्टिनेंटल कप के लिए इससे बेहतर स्थल और अंत की उम्मीद नहीं कर सकते थे। मैं टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली टीमों को सभी तरह का समर्थन और आतिथ्य प्रदान करने तथा एक शानदार टूर्नामेंट की मेजबानी करने के लिए ओडिशा सरकार को धन्यवाद देता हूं।''
मध्यांतर के समय कोच की फटकार ने आंखें खोल दी: छेत्री
भुवनेश्वर
राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने कहा है कि मुख्य कोच इगोर स्टिमक से मध्यांतर में मिली फटकार आंखें खोलने वाली थी जिसकी भारत को इंटरकॉन्टिनेंटल कप का खिताब जीतने के लिए जरूरत थी।
भारत पहले हाफ में लेबनान के डिफेंस को भेदने में नाकाम रहा था लेकिन दूसरे हाफ में सुनील छेत्री के 87वें अंतरराष्ट्रीय गोल के अलावा लालियानजुआला छांगटे के गोल की मदद से रविवार रात फाइनल में लेबनान को 2-0 से हराकर इंटरकॉन्टिनेंटल कप जीतने में सफल रहा।
छेत्री ने कहा, ''मध्यांतर के समय बॉस ने फटकार लगाई। हम पिछले मैच के अपने प्रदर्शन के आसपास भी नहीं थे। यह आंखें खोलने वाला था जिसकी हमें जरूरत थी।''
उन्होंने कहा, ''काफी कुछ कहा गया जिनमें से कुछ को मैं यहां दोहरा नहीं सकता। लेकिन अहम बात यह है कि हमें पता था कि हमारे पास क्षमता है और अंत में हमें कोई पछतावा नहीं है। बेशक 2-0 से जीत दर्ज करने के बाद अब यह कहना आसान है लेकिन हम जीत से खुश हैं।''
छेत्री टूर्नामेंट में भारत के प्रदर्शन से प्रभावित हैं।
उन्होंने कहा, ''हम इंटरकॉन्टिनेंटल कप को पिछली बार जीत नहीं सके थे लेकिन यह जीत अच्छी थी। यह आसान नहीं था, लेकिन हम बहुत खुश हैं, खासकर टूर्नामेंट में हमारे खिलाफ कोई गोल नहीं होने के कारण।''
मुख्य कोच स्टिमक ने स्वीकार किया कि वह लेबनान के खिलाफ शुरुआती 45 मिनट में अपनी टीम के प्रदर्शन से खुश नहीं थे।
उन्होंने कहा, ''हर मैच महत्वपूर्ण है, हर जीत महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से जब आपके खिलाफ कोई गोल नहीं हो इसलिए मैं बहुत खुश हूं। लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि मैं मध्यांतर के समय बिल्कुल भी खुश नहीं था। हमने पहले 10 मिनट में अच्छा खेला और फिर हम पिछड़ गए।''
क्रोएशिया के इस कोच ने कहा, ''हमें उन्हें (लेबनान) 20 मिनट के आसपास खेल को नियंत्रित नहीं करने देना चाहिए था। यह सबसे अच्छा है कि मैं नहीं बताऊं कि मध्यांतर के समय क्या कहा गया लेकिन यह काम कर गया। दूसरे हाफ में लड़कों की प्रतिक्रिया शानदार थी। यह वह भारत है जिसे मैं देखना पसंद करता हूं।''
स्टिमक ने कहा कि अगले साल 12 जनवरी से 10 फरवरी तक कतर की मेजबानी में होने वाले एएफसी एशियाई कप से पहले भारत को काफी काम करना है।
भारत को कड़े ग्रुप बी में ऑस्ट्रेलिया, उज्बेकिस्तान और सीरिया के साथ रखा गया है।
कोच ने कहा, ''एएफसी एशियाई कप से पहले हमारे लिए काफी काम है। हमें बे