नईदिल्ली
आरबीआई एक बार फिर सस्ता सोना खरीदने का मौका दे रहा है। अगर आप सोना खरीदना चाह रहे हैं तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प है। 2023-24 के लिए इसकी पहली किस्त सोमवार यानी 19 जून, 2023 से खुल रही है। इसमें अगले पांच दिन तक यानी 23 जून तक निवेश कर सकते हैं। केंद्रीय बैंक ने एसजीबी के लिए 5,926 रुपये प्रति ग्राम का भाव तय किया है। ऑनलाइन खरीदने पर प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट मिलेगी। एसजीबी के जरिये एक व्यक्ति 4 किलोग्राम तक सोना खरीद सकता है। हिंदू अविभाजित परिवारों और ट्रस्टों के लिए यह सीमा 20 किलोग्राम है।
यहां से कर सकते हैं खरीदारी
गोल्ड बॉन्ड बैंकों, मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि., बीएसई, एनएसई और डाकघरों के अलावा एजेंटों के जरिये खरीद सकते हैं।
ऐसे होगा भुगतान
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने के लिए नकद, डिमांड ड्राफ्ट या इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग के जरिये भुगतान कर सकते हैं। नकद में अधिकतम 20 हजार रुपये तक भुगतान कर सकते हैं।
हर साल मिलता है 2.50 फीसदी ब्याज
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी अवधि 8 साल होती है। इस अवधि के बाद होने वाले लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगता। आप 5 साल बाद भी इससे बाहर निकल सकते हैं। इसे खरीदने पर इश्यू प्राइस पर हर साल 2.50 फीसदी का निश्चित ब्याज मिलता है। यह राशि हर 6 महीने में आपके खाते में पहुंच जाती है। हालांकि, इस पर स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ता है।
ये हैं ऑनलाइन खरीद के तरीके…
- पसंदीदा बैंक के इंटरनेट बैंकिंग खाते में लॉग इन करें।
- ई-सर्विस विकल्प पर क्लिक करने के बाद सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का विकल्प चुनें।
- आरबीआई की ओर से निर्धारित नियम-शर्तें ध्यान से पढ़ें।
- रजिस्ट्रेशन फॉर्म पूरा भरें और सबमिट पर क्लिक करें।
- इसके बाद परचेज फॉर्म में सब्सक्रिप्शन की मात्रा भरें। ऐसा करने के बाद उसमें नॉमिनी से जुड़ी डिटेल्स भी भरें।
- डिटेल्स सत्यापित करने के बाद सबमिट पर क्लिक करें।
कोलैटेरल के रूप में कर सकते हैं इस्तेमाल
केडिया एडवाइजरी के निदेशक अजय केडिया ने बताया कि बढ़ती महंगाई और वैश्विक अनिश्चितता के बीच गोल्ड बॉन्ड के जरिये यह सोने में निवेश का अच्छा अवसर है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में पैसा लगाना आकर्षक निवेश माना जाता है। इसमें खरीदार को शुद्धता और सुरक्षा की चिंता नहीं करनी पड़ती है। इस बॉन्ड का इस्तेमाल कर्ज लेने के लिए कोलैटेरल के रूप में भी किया जा सकता है।