भोपाल
कोलार क्षेत्र में आबादी के लिहाज से स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं हैं। यहां एक मात्र सरकारी अस्पताल भी अव्यवस्थाओं से जूझ रहा है। आलम यह है कि डॉक्टरों की कमी से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्थाएं खराब हो रहीं हैं। जिससे मरीजों को पूरा इलाज नहीं मिल रहा है। हाल यह है कि स्वास्थ्य केंद्र में मेडिसिन स्पेशलिस्ट, सर्जन, आथोर्पेडिक विशेषज्ञ तक नहीं है। इसके अलावा मशीनें होने के बाद भी दो साल से जांच बंद हैं। यही वजह है कि कोलार क्षेत्र के मरीजों को खांसी-झुखाम होने पर भी बड़े अस्पतालों में लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है।
9 किमी दूर जाना पड़ रहा
कोलार समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों को बुखार, हड्डी, नाक, कान, गला से जुड़े रोगों के लिए ऐसी गर्मी तेज धूप में मरीजों को 9 किमी दूर जेपी अस्पताल जाना पड़ता है।
स्ट्रैचर तक नहीं
अस्पताल में स्ट्रेचर तक नहीं हैं। जो थी उनमें से अधिकतर टूंट गई हैं। एक जो बची है वे भी बुरे हाल में है। रहवासियों का आरोप है कि तकरीबन चार करोड़ की लागत से बनाए गए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाओं के विस्तार की फिक्र न तो स्वास्थ्य विभाग को है और न ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों को। जांच, दवाएं समेत सुविधाओं के अलावा स्टाफ की कमी भी बनी रहती है। नतीजतन मरीजों को निजी अस्पतालों समेत क्लिनिक का रुख करना पड़ता है।