नई दिल्ली
भारतीय सेना ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के साथ मिलकर शनिवार को उत्तरी सिक्किम में 2,500 से अधिक पर्यटकों को बचाया। ये पर्यटक जिले में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के कारण फंसे हुए थे। शुक्रवार को उत्तरी सिक्किम में मूसलाधार बारिश हुई, जिससे बाढ़ आ गई और भूस्खलन के कारण सड़कें ब्लॉक हो गईं। चुंगथांग के निकट एक पुल खराब मौसम के कारण बह गया। नतीजतन, लगभग 2,500 पर्यटक क्षेत्र में फंसे हुए थे। स्ट्राइकिंग लायन डिवीजन, त्रिशक्ति कोर, भारतीय सेना और बीआरओ की टुकड़ियों ने कार्रवाई की और खराब मौसम में रात भर काम किया ताकि पर्यटकों को बचाया जा सके और फ्लैश फ्लड वाले इस क्षेत्र में एक अस्थायी क्रॉसिंग बनाई जा सके। सेना ने पर्यटकों को नदी पार कराने में मदद की गई और गर्म भोजन, टेंट और चिकित्सा सहायता प्रदान की गई।
सड़क संपर्क बहाल करने के प्रयास जारी हैं। वहां दूसरे क्षेत्रों में फंसे और पर्यटकों को निकालने का काम भी जारी है। टेंट और चिकित्सा सहायता पोस्ट स्थापित किए गए हैं। पर्यटकों को उनकी आगे की यात्रा के लिए मार्ग साफ होने तक सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी। सिक्किम में हिमालय के अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सीमा की रक्षा कर रही भारतीय सेना पर्यटकों और स्थानीय आबादी को सहायता प्रदान करने में भी हमेशा सक्रिय रहती है। पिछले तीन दिनों में भारी वर्षा होने से सड़कें बंद हो जाने के कारण उत्तरी सिक्किम के लाचेन और लाचुग क्षेत्र में 60 कॉलेज विद्यार्थियों समेत 2400 से अधिक पर्यटक फंस गए। जिला प्रशासन ने 2464 फंसे हुए पर्यटकों को निकालने के लिए 19 बसों एवं 70 छोटे वाहनों को लगाया। अधिकारियों ने बताया कि अब तक तीन बस और दो अन्य वाहन पर्यटकों को लेकर राज्य की राजधानी गंगटोक के लिए रवाना हो गए।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के त्वरित प्रतिक्रिया दल, सिक्किम पुलिस, जीआरईएफ ,बीआरओ, आईटीबीपी, सेना और ट्रैवल एजेंसी एसोसिएशन के कर्मी सिक्किम के कर्मी फंसे हुए यात्रियों को निकालने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। इस बीच, चुंगथांग जाने वाली सड़क कई स्थानों पर बंद है। वर्षा रुक जाने के बाद उसकी मरम्मत का काम शुरू होगा। अधिकारियों ने बताया कि फंसे हुए यात्रियों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए उत्तरी सिक्किम जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर शुरू किए हैं।