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PM मोदी के US दौरे पर फाइटर जेट इंजन की 11 टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की उम्मीद, भारत में भी बनेगा तेजस MK2 इंजन

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नई दिल्ली
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने नौ वर्षों के कार्यकाल में पहली बार 21 से 24 जून के बीच आधिकारिक राजकीय यात्रा पर अमेरिकी दौरे पर जा रहे हैं। इस यात्रा में वह अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे और राजकीय रात्रिभोज में शामिल होंगे। दोनों ही देश इस यात्रा से उत्साहित हैं। संभावना जताई जा रही है कि इस यात्रा को दौरान भारत अमेरिका से फाइटर जेट इंजन डील के हिस्से के रूप में कम से कम 11 तरह की मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी की डील हासिल कर सकेगा।

इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि दोनों देशों के बीच डील के तहत अमेरिका भारत को तेजस एमके 2 इंजन के निर्माण के लिए 80% तकनीक एचएएल को हस्तांतरित करेगा।  सूत्रों ने कहा कि मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण पर समझौते को अंतिम रूप दिया जाना तय है। सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका के जनरल इलेक्ट्रिक और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच वैल्यू के आधार पर 80 फीसदी इंजन टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर को लेकर डील साइन हो सकती है।

यह डील भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग के अनुरूप होगी, जो भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग के लिए नए ढांचे पर आधारित है और जिसे 2015 में 10 वर्षों के लिए नवीनीकृत किया गया था। साल 2016 में एक प्रमुख दर्जा देते हुए भारत को अमेरिका ने रक्षा संबंधों में एक प्रमुख साझेदार (एमडीपी) के रूप में नामित किया था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम मोदी के दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच एक अरब डॉलर की डील होने की संभावना है। दोनों पक्ष  टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के असलावा पेमेंट सिस्टम, मशीन की खरीद को लेकर भी बातचीत के अंतिम दौर में हैं। सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका ने अभी तक किसी देश के साथ जेट इंजन निर्माण की टेक्नोलॉजी को साझा करने का सौदा नहीं किया है। डील को लेकर जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि इस लेवल का टेक्नोलॉजी ट्रांसफर अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस द्वारा किसी भी देश को नहीं किया गया है।

किन-किन टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की डील संभव
अमेरिका के जनरल इलेक्ट्रिक और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीचजेट इंजन को लेकर इन पहलुओं पर टेक्नोलॉजी ट्रांसफर होने की उम्मीद है, जिसे अगले तीन सालों में पूरा किया जा सकेगा।

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