टोक्यो
जापान सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की उम्र सीमा को 13 से बढ़ाकर 16 साल किया गया है। शुक्रवार को जापान की संसद ने सर्वसम्मति से यौन अपराध कानून में बदलाव किया। जापान में सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की उम्र दुनिया में सबसे कम थी।
संसद ने दुष्कर्म को नए तरिके से परिभाषित करने के लिए एक नया कानून पास किया है. नए नियम के तहत अब सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की उम्र को बढ़ा दिया गया है. पहले जापान में किसी लड़की की सहमति से उसके साथ संबंध बनाने की उम्र 13 साल थी. इसे बढ़ाकर 16 साल कर दिया गया है. इस मामले में जापान एकमात्र ऐसा देश था जहां 13 साल की छोटी उम्र में बच्ची अपनी मर्जी से शारीरिक संबंध बना सकती थी.
एक महीने पहले ही जापान की संसद के लोअर हाउस ने इस कानून को पास किया था. शुक्रवार को संसद के अपर हाउस में पास होने के बाद इसने कानून की शक्ल ले ली है.
जापान में रेप की पुरानी परिभाषा के तहत इसे ‘जबरन शारीरिक संबंध बनाना’ कहा जाता था. नए कानून के तहत अब इसे ‘बिना सहमति के शारीरिक संबंध बनाना’ कहा जाएगा. पूर्वी एशिया के इस देश में अब महिला को दुष्कर्म के मामले में मुकदमा दर्ज कराने के लिए भी अधिक समय दे दिया गया है. पहले पीड़िता को उसके साथ हुई वारदात को रिपोर्ट करने के लिए 10 साल का वक्त दिया गया था. नए कानून के तरह इस अवधि को बढ़ाकर 15 साल कर दिया गया है.
जापान के नए कानून में ये कैसी शर्त?
जापान के नए कानून के तहत अब 13 की जगह 16 साल या इससे अधिक उम्र की लड़की ही सहमति से संबंध बनाने की इजाजत दे सकती है. इससे छोटी उम्र की लड़की से संबंध बनाना रेप की श्रेणी में आएगा. साथ ही कानून में एक शर्त भी जोड़ी गई है. जिसके तहत 13 से 15 साल की लड़की के साथ बने संबंध के मामले में आरोपी को केवल तभी सजा दी जा सकती है जब लड़की और लड़के के बीच उम्र का अंतर पांच साल या इससे अधिक हो. अगर दोनों के बीच अंतर पांच साल से कम है तो आरोपी को सजा नहीं दी जाएगी.
फर्ज कीजिए 15 साल की लड़की अपनी मर्जी से 17 साल के लड़के के साथ संबंध बनाती है तो इस मामले में नाबालिग आरोपी को सजा नहीं दी जाएगी. यहां तक की इस मामले में आरोपी की उम्र 18 या 19 साल होने पर भी उसे सजा नहीं दी जाएगी. आरोपी की उम्र 20 साल या इससे अधिक होने पर ही उसे दुष्कर्म के मामले में सजा दी जा सकती है.
जापान में नए कानून 16 साल से कम उम्र के बच्चों को सेक्सुअल उद्देश्य के लिए डराने, दबाव बनाने या बहकाने को अपराध बनाते हैं। वे युवा लोगों की रक्षा करना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उन्हें ऐसा कुछ भी करने के लिए मजबूर न किया जाए जो वे नहीं करना चाहते।
कानून यह भी कहते हैं कि अगर कोई शराब या नशीली दवाओं के प्रभाव में है, तब भी उसका फायदा उठाना ठीक नहीं है। उन्होंनेअनुमति के बिना किसी को चुपके से देखना या फिल्म बनाना भी अवैध बना दिया है। ये कानून सभी को सुरक्षित रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं कि सभी के अधिकारों का सम्मान किया जाए।
भारत में सहमति की उम्र 18, चीन में 14 और ब्रिटेन में 16 साल है। नाइजीरिया में सहमति की सबसे कम उम्र 11 साल है, उसके बाद अंगोला में 12 साल है। जापान में सहमति की उम्र 1907 से 13 साल ही है।