नईदिल्ली
2024 के रण से पहले भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अपने 19 जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्षों में से आधे बदल देगी। पार्टी नेतृत्व ने इसका मन बना लिया है। स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं की रिपोर्ट के आधार पर नए जिलाध्यक्षों के नाम भी मोटे तौर पर तय हो गए हैं।
पार्टी अभी महासंपर्क अभियान में लगी है। 20 जून के बाद पश्चिम क्षेत्र और प्रदेश के नेता समीक्षा बैठक कर नाम फाइनल कर देंगे। जुलाई के शुरुआती सप्ताह में नए जिलाध्यक्षों की घोषणा भी हो जाएगी। स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा ने मेरठ, मुरादाबाद और सहारनपुर मंडल के कई जिलों में अच्छा प्रदर्शन किया है तो कई में पार्टी ने जीतने वाली सीटें भी गंवा दी हैं।
गाजियाबाद, हापुड़ और बागपत में पार्टी के अच्छी स्थिति में होने के बावजूद नगरपालिका चेयरमैन की सीट हारना शीर्ष नेतृत्व को बहुत अखरा है। दूसरी ओर भूपेंद्र सिंह चौधरी को प्रदेश और सतेंद्र सिसोदिया को वेस्ट यूपी (पश्चिम क्षेत्र) की कमान सौंपने के बाद अभी तक संगठन में कोई बदलाव नहीं किया गया। ऐसे में पार्टी लोकसभा चुनाव की तैयारियों को मजबूत करने के लिए संगठन को नए सिरे से गढ़ने की तैयारी में हैं।
वेस्ट यूपी के तीनों मंडलों (मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद) में भाजपा ने कुल 19 जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष बना रखे हैं। बड़े नेताओं की मानें तो इनमें दस अध्यक्षों का बदलना तय माना जा रहा है। बदलाव वाले जिलों में गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, अमरोहा, बागपत, बुलंदशहर, शामली और मुजफ्फरनगर के नाम प्रमुख हैं। बदलाव में लोकसभा चुनाव 2024 और जातीय संतुलन का ध्यान रखा जा रहा है। दावेदार मेरठ, लखनऊ और दिल्ली के चक्कर काट रहे हैं। पार्टी नेताओं के मुताबिक, 20 जून के बाद शीर्ष नेताओं के साथ बैठकर संगठन को नए सिरे से गढ़ने की तैयारी है। जुलाई के पहले सप्ताह में जिलाध्यक्षों व महानगर अध्यक्षों की सूची जारी की जाएगी।
क्षेत्रीय टीम में भी होगा बदलाव
भाजपा की क्षेत्रीय इकाई की घोषणा भी जुलाई के पहले सप्ताह में होनी है। तीनों मंडलों के भाजपा के ऐसे बड़े नेता, जो निकाय चुनाव नहीं लड़ पाए या पिछले विधान में विधायकी पक्की नहीं कर पाए, वे महामंत्री बनने के लिए दावा पेश कर रहे हैं। अगले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर नई क्षेत्रीय टीम का गठन किया जाएगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक वर्तमान टीम के कई पदाधिकारियों की छुट्टी कर दी जाएगी।