अहमदाबाद
बिपरजॉय साइक्लोन (Biparjoy Cyclone) का लैंडफॉल गुजरात के तटीय इलाके में चुका है। गुरुवार को इस तूफान ने कच्छ समेत गुजरात के तयीय इलाकों में तबाही मचाई। इस तूफान के चलते आर्थिक रूपससे बड़ा नुकसान हुआ है। खासकर उद्योग धंधे और इंडस्ट्रीज को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। शुरुआत रिपोर्ट की माने तो बिपरजॉय साइक्लोन के चलते करीब 5000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। ये तूफान 500000 टन नमक अपने साथ बहा ले लिया। बंदरगाहों पर भारी तबाही मची है।
तूफान के लैंडफॉल के बाद वहां मची तबाही के चलते पोर्ट्स बंद है। लाखों की संख्या में पेड़ उखड़ गए हैं, हाईवे पानी से भरा है, सड़क यातायात बंद है। जिसके चलते पोर्ट का पूरा ऑपरेशन ठप है। गुजरात चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ( GCCI) के मुताबिक इस तूफान ने करीब 5000 करोड़ का नुकसान पहुंचाया है। यहां उद्योग-धंधे को दोबारा से शुरु करने में वक्त लग रहा है। बिजली के खंभे उखड़ चुके है। बिजली-टेलीकॉम सर्विस बाधित है। सौराष्ठ-कच्छ रीजन में सीमेंट, टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग, पोर्ट्स, साल्ट मैन्यूफैक्चरिंग समेत छोटे-बड़े उद्योगों का पूरा हब है। ये एरिया इस तूफान की वजह से बुरी तरह से प्रभावित है।
5 लाख टन नमक बहा, कीमतों पर होगा असर
कच्छ इलाका नमक के प्रोडक्शन के लिए जाना जाता है। यहां रोज 2 लाख टन नमक का उत्पादन होता है। बिपरजॉय की वजह सबसे ज्यादा नमक इंडस्ट्री को नुकसान हुआ है। कच्छे के मोरबी, नवलखी इलाके में इस तूफान के कारण 5 लाख टन से अधिक का नमक बह गया है। नमक के कारोबार को हुए इस नुकसान के बाद नमक की कीमत में बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है। एसोसिएशन के अध्यक्ष दिलूभाई जडेजा के मुताबिक इस तूफान के कारण करीब 500 नमक उद्योगों को भारी नुकसान हुआ है।
जिसका असरइंडस्ट्रियल साल्ट की कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है। नमक के अलावा सीमेंट उद्योगों को भारी नुकसान हुआ है। पोर्ट्स बंद होने की वजह से माल की ढुलाई बंद है। बिजली आपूर्ति बंद होने की वजह से उद्योग, कारखाने शुरू होने में वक्त लग रहा है।