नई दिल्ली
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 15 जून तक प्रत्यक्ष कर संग्रह (direct tax collection) 36 फीसदी बढ़कर 3.78 लाख करोड़ रुपए रहा। कंपनियों और व्यक्तिगत करदाताओं से ज्यादा अग्रिम कर मिलने के कारण प्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़ा है। कर संग्रह में वृद्धि से कंपनियों का प्रदर्शन सुधरने और आर्थिक वृद्धि तेज होने के संकेत मिलते हैं।
वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही (1 अप्रैल से 1 जून तक) में सरकार को 1.16 लाख करोड़ रुपए का अग्रिम कर प्राप्त हुआ है। इसमें अग्रिम निगमित कर 92,173 करोड़ रुपए और अग्रिम व्यक्तिगत आयकर 23,513 करोड़ रुपए रहा।
अग्रिम कर की पहली किस्त जमा करने की अंतिम तारीख 15 जून थी। कर संग्रह बढ़ने में अग्रिम कर के अलावा स्रोत पर कर कटौती (TDS) का भी बड़ा योगदान रहा। TDS मद में करीब 2.69 लाख करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। सरकार के अधिकारियों ने बताया कि कर संग्रह का यह शुरुआती आंकड़ा है और बैंकों से अधिक जानकारी मिलने पर आंकड़ों में इजाफा होने की उम्मीद है।
किसी भी वित्त वर्ष में कंपनियां और व्यक्तिगत करदाता चार किस्तों में अग्रिम कर चुकाते हैं। पहली तिमाही के तौर पर अनुमानित कर देनदारी का 15 फीसदी हिस्सा पहली तिमाही में भरना होता है। इसके बाद सितंबर और दिसंबर तिमाही में कुल कर देनदारी का 25-25 फीसदी का भुगतान किया जाता है तथा शेष 35 फीसदी कर का भुगतान मार्च में किया जाता है।
कर प्राप्ति के आंकड़ों का गहराई से विश्लेषण करने से पता चलता है कि 1 अप्रैल से 15 जून तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 35.32 फीसदी बढ़कर 3.78 लाख करोड़ रुपए रहा, जो वित्त वर्ष 2023 की समान अवधि में 2.80 लाख करोड़ रुपए ही था। इस दौरान शुद्ध कर संग्रह चालू वित्त वर्ष के बजट लक्ष्य 18.2 लाख करोड़ रुपए का 20.77 फीसदी रहा। इनमें निगमित कर के तौर पर 1.87 लाख करोड़ रुपए और व्यक्तिगत आयकर मद में 2.26 लाख करोड़ रुपए मिले।
कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह (रिफंड घटाए बगैर) लगभग 4.18 लाख करोड़ रुपए रहा है। चालू वित्त वर्ष में अब तक 39,390 करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया जा चुका है। प्रतिभूति लेन-देन कर संग्रह भी 4,731 करोड़ रुपए के साथ बढ़िया रहा। इसके अलावा स्वयं आकलन कर भरा गया कर 19,834 करोड़ रुपए, नियमित आकलन कर 9,911 करोड़ रुपए और लाभांश वितरण कर 908 करोड़ रुपए रहा।
वित्त वर्ष 2023 में प्रत्यक्ष कर संग्रह में भारी इजाफा हुआ था। पिछले वित्त वर्ष में शुद्ध संग्रह (अस्थायी) 16.21 लाख करोड़ रुपए रहा, जो बजट अनुमान से अधिक है। वित्त मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2022 के मुकाबले इसमें 18 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। मगर वित्त वर्ष 2023 के वास्तविक आंकड़े अभी जारी नहीं किए गए हैं।
प्रत्यक्ष कर संग्रह सूची में मुंबई शीर्ष पर रहा, जहां से लगभग 1.07 लाख करोड़ रुपए आए। यह रकम पिछले साल की तुलना में 42 प्रतिशत अधिक है। मुंबई के बाद कर्नाटक (46,696 करोड़ रुपए) और दिल्ली (44,350 करोड़ रुपए) में सबसे अधिक प्रत्यक्ष संग्रह रहा। पुणे में कर संग्रह 31 प्रतिशत और तमिलनाडु में 36 प्रतिशत बढ़ा।