Home राज्यों से उत्तर प्रदेश 2 महीने की डेडलाइन ख़त्म, न्यायिक आयोग की रिपोर्ट का इंतज़ार

2 महीने की डेडलाइन ख़त्म, न्यायिक आयोग की रिपोर्ट का इंतज़ार

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प्रयागराज

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गैंगस्टर और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस गोलीकांड की जांच के लिए पांच सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था। आयोग को दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी थी जिसकी समय सीमा शुक्रवार को समाप्त हो गई।

15 अप्रैल को हुई थी दोनों भाइयों की हत्या
गैंगस्टर भाइयों अतीक अहमद और अशरफ की 15 अप्रैल की रात प्रयागराज के एक अस्पताल में तीन शौकिया हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। राज्य सरकार ने तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी, पूर्व जिला न्यायाधीश बृजेश कुमार सोनी और पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुबेश कुमार सिंह शामिल थे।

बाद में आयोग में जोड़े गए थे नए नाम
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, दिलीप बाबा साहब भोसले और झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह को आयोग के गठन के लगभग 21 दिन बाद 6 मई को आयोग में शामिल किया गया।

अभी तक सरकार को नहीं मिली रिपोर्ट
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, 'रिपोर्ट अभी तक राज्य सरकार को नहीं सौंपी गई है। हम अभी भी जांच के निष्कर्षों को संकलित करने की प्रक्रिया में हैं। जल्द ही जांच समाप्त हो जाएगी और इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपा जाएगा।"

तीन हमलावरों ने की थी अतीक-अशरफ की हत्या
गैंगस्टर भाइयों अतीक अहमद और अशरफ को तीन हमलावरों (जिनकी पहचान बाद में बांदा के लवलेश तिवारी (22), हमीरपुर के सन्नी सिंह (23) और कासगंज के अरुण मौर्य (18) के रूप में हुई) ने पुलिस की मौजूदगी में गोली मार कर हत्या कर दी थी।

पुलिस हिरासत में हत्या से मचा था हंगामा
यह हत्या 15 अप्रैल की रात को प्रयागराज में उस समय की गई जब अतीक-अशरफ को पुलिस हिरासत में नियमित चिकित्सा जांच के लिए ले जाया जा रहा था। हमलावर मीडियाकर्मियों के वेष में आए थे और उन्होंने दोनों भाइयों को अपना निशाना बनाया। दोनों भाइयों पर उस समय हमला हुआ जब मीडिया से बात कर रहे थे। हत्या को लाइव वीडियो में कैद कर लिया गया।

नाम कमाने के लिए आरोपियों ने की थी हत्या
हमलावरों ने प्रारंभिक पूछताछ के दौरान दावा किया था कि उन्होंने अपने गिरोह का सफाया करने और अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाने के लिए अतीक और अशरफ की हत्या की।