सौंठ या सूखी अदरक का इस्तेमाल भारतीय घरों में कई तरह के भोजन में अलग स्वाद देने के लिए किया जाता है। यह कई तरह की घरेलू दवाइयां बनाने में भी काम आता है। अदरक में थमोर्जेनिक एजेंट नामक तत्व होता है जो वसा को जलाने में मदद करता है, जिससे वजन आसानी से कम होता है।
गरम पानी के साथ इसका सेवन मोटापे को कम करने में सहायक है। सौंठ पाचन क्रिया को दुरूस्त कर वजन कम करने में भी मदद करता है। इसके अलावा यह रक्त में मौजूद शर्करा के स्तर को नियंत्रित करके वसा को सक्रिय करता है। कब्ज, पेट दर्द और अपच जैसी समस्याओं में इसे पीसकर हींग और सेंधा नमक के साथ सेवन करने से आराम मिलता है। इसके अलावा इसे पानी के साथ उबालकर बार-बार पीने से डायरिया में काफी लाभ मिलता है। सूखी अदरक, जिसे हम सौंठ कहते हैं, यह जोड़ों के दर्द में काफी लाभदायक होती है। इसमें सौंठ, जायफल को पीसकर तिल के तिल के में डालकर, उसमें भीगी हुई पट्टी जोड़ों पर लगाने से आराम मिल सकता है। इसके अलावा उबले हुए पानी के साथ शहद और अदरक पाउडर को पीने से गठिया में लाभ होता है। सौंठ पसीने को निकालने में सहायक है, जिससे शरीर का तापमान कम हो सकता है और शरीर के विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे बुखार में भी आराम मिलता है। शहद के साथ इसे खाने से बुखार कम होता है।
इतना ही नहीं सौंठ, हींग और काला नमक मिलाकर लेने से गैस की समस्या में लाभ होता है। पिसी हुई सौंठ और कैरम के बीजों को नींबू के रस में भिगोकर छाया में सुखाकर प्रतिदिन सुबह लेने से गैस और पेडू के दर्द में आराम मिलता है। यदि सौंठ को दूध में उबालकर, ठंडा करके पीने से हिचकी आना बंद हो जाती है। पसलियों में दर्द होने पर इसे पानी में उबालकर ठंडा करके दिन में कम से कम 4 बार पीने से लाभ होता है। माइग्रेन, सिरदर्द, गर्दन और शरीर में दर्द होने पर सूखी अदरक और पानी का लेप बनाकर लगाने से आराम मिलता है।
इसे सूंघने से छींक आने पर भी सिरदर्द में आराम मिलता है। यह जी मचलाना, ठंड में पसीना आना, चक्कर और उल्टी आने जैसी समस्याओं को कम करने में भी बेहद फायदेमंद है। यह गर्भवती महिलाओं की समस्याओं को कुछ हद तक कम करने में भी सहायक है। इसके अलावा सौंठ या सूखी अदरक गर्भाशय के कैंसर की संभावनाओं को कम करने में भी फायदेमंद है। इसमें कैंसररोधी गुण मौजूद होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं।