भोपाल
कमर्शियल वाहनों के पंजीयन की दर अन्य पड़ोसी राज्यों में कम है जिसके चलते कमर्शियल वाहन खरीदने वाले दूसरे राज्यों में वाहन खरीदकर वहां पंजीयन कराते है और मध्यप्रदेश मे वाहन संचालित करते है।
इसी तरह टूरिस्ट परमिट भी अन्य राज्यों में कम दरों पर जारी हो रहे है इसके चलते वाहन स्वामी दूसरे राज्यों से टूरिस्ट परमिट लेकर वाहन मध्यप्रदेश तक संचालित कर रहे है। इससे मध्यप्रदेश सरकार को हर साल करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। इसलिए अब परिवहन विभाग कमर्शियल वाहनों का पंजीयन शुल्क आठ से घटाकर छह प्रतिशत कर रहा है और टूरिस्ट परमिट भी आठ सौ से घटाकर दो सौ रुपए प्रति सीट प्रति माह कर रहा है।
मध्यप्रदेश में आठ हजार कमर्शियल वाहनों का पंजीयन होता था वह घटकर चार हजार पर आ गया है। इससे काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। परिवहन विभाग का मानना है कि कमर्शियल वाहनों का पंजीयन शुल्क घटाने से मध्यप्रदेश में होने वाले वाहनों का पंजीयन डेढ़ गुना तक बढ़ जाएगा। वर्तमान में छत्तीसगढ़, गुजरात से वाहन मालिक टूरिस्ट परमिट लेकर मध्यप्रदेश तक चला रहे है।
इसके चलते मध्यप्रदेश में वाहन तो चल रहे है लेकिन उन्हें शुल्क की प्राप्ति नहीं हो रही है। इसलिए यदि टूरिस्ट बसों और वाहनों के परमिट की दर आठ सौ रुपए से घटाकर दो सौ रुपए प्रति सीट प्रति माह करने से दो सौ करोड़ का रेवेन्यू बढ़ सकता है।