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आर अश्विन का खुलासा, संन्यास के बाद रहेगा गेंदबाज बनने का सबसे बड़ा पछतावा

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 नई दिल्ली

नंबर-1 टेस्ट स्पिनर आर अश्विन ने हाल ही में खुलासा किया है कि उन्हें संन्यास के बाद इस चीज का सबसे बड़ा पछतावा रहेगा कि उन्हें गेंदबाज नहीं बनना चाहिए था। 2010 में पहली बार नीली जर्सी पहनने वाले इस ऑफ स्पिनर ने अभी तक 92 टेस्ट, 113 वनडे और 65 टी20 मुकाबले खेले हैं। इस दौरान उन्होंने क्रमश: 474, 151 और 72 विकेट चटकाए हैं। अश्विन ने अपने क्रिकेट करियर का आगाज तो बतौर बल्लेबाज किया था, मगर बाद में उन्होंने अपने हाथ में गेंद थाम ली। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपने इस सफर के बारे में भी बात की है। अश्विन ने कहा है कि क्रिकेट की दुनिया में बल्लेबाजों और गेंदबाजों के बीच अलग-अलग बरताव किया जाता है। हाल ही में सुनील गावस्कर ने कहा था कि खेल की परिस्थितियां और मैदान सिर्फ स्पिनर्स और गेंदबाजों के लिए ही खेलने या ना खेलने का कारण बनते हैं, मगर यह नियम बल्लेबाजों पर लागू नहीं होता।

इस सवाल का जवाब देते हुए अश्विन ने कहा 'यह एक सच्ची कहानी है और मैं किसी बनावटी चीज से बात नहीं करता। एक दिन मैं भारत-श्रीलंका का मैच देख रहा था और भारत की गेंदबाजी चरमरा गई थी। मेरे पसंदीदा सचिन तेंदुलकर थे, और वह जो भी रन बनाते थे हम गेंद से उन रनों को लीक कर देते थे। मैंने एक दिन सोचा मुझे गेंदबाज होना चाहिए। क्या मैं मौजूदा गेंदबाजों से बेहतर नहीं हो सकता? यह सोचने का बहुत ही बचकाना तरीका है लेकिन मैंने ऐसा ही सोचा और इसलिए मैंने ऑफ स्पिन गेंदबाजी शुरू की। यहीं से इसकी शुरुआत हुई। हालांकि, कल जब मैं संन्यास लूंगा, तो सबसे पहले मुझे इस बात का पछतावा होगा कि मैं इतना अच्छा बल्लेबाज था, मुझे कभी गेंदबाज नहीं बनना चाहिए था।'

अश्विन ने आगे कहा 'इस धारणा से मैंने लगातार लड़ने की कोशिश की है, लेकिन गेंदबाजों और बल्लेबाजों के लिए अलग-अलग पैमाने हैं और बरताव भी अलग अलग है। मैं समझता हूं कि बल्लेबाज के लिए यह एक गेंद का खेल है और उन्हें मौके की जरूरत है। एक दिग्गज के साथ मेरी इस मुद्दे पर बातचीत हुई थी, जिन्होंने एक बार कहा था कि ऐसा इसलिए है क्योंकि आप एक गेंदबाज को टेस्ट मैच में 40 से अधिक ओवरों तक संघर्ष करते हुए देख सकते हैं। लेकिन मेरा तर्क है कि आप बल्लेबाज को मैच और नेट्स में संघर्ष करते हुए देख रहे हैं और बल्लेबाज की जरूरत नहीं बदलती है। यह अभी भी एक गेंद का खेल है।'
 
इस ऑफ स्पिनर ने साथ ही कहा 'मैं यह नहीं कह रहा हूं कि बल्लेबाज को नहीं खेलना चाहिए। उसे खेलना चाहिए और इसी तरह गेंदबाज को भी खेलना चाहिए। उनके साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए क्योंकि मुझे लगता है कि दिन के अंत में, आप अपनी लोकप्रियता कमा रहे हैं और मुझे निश्चित रूप से विश्वास था कि मेरे करियर के उतार-चढ़ाव के माध्यम से, मैंने अपनी लोकप्रियता अर्जित की हैं।'