नई दिल्ली
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप यानी डब्ल्यूटीसी के खिताबी मुकाबले को खत्म हुए एक हफ्ते का समय होने को है, मगर टीम इंडिया और उनके फैंस अभी तक इस हार को नहीं भुला पाए हैं। ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया को 209 रनों से धूल चटाई। भारत को इसी के साथ लगातार दूसरी बार भी खिताबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में टीम इंडिया की बल्लेबाजी के साथ कप्तानी के फैसले पर भी कई सवाल उठे। रोहित शर्मा ने मैच के पहले दिन कुछ बादल और हरी पिच देखकर टॉस जीतते हुए पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया। इसी के साथ उन्होंने प्लेइंग इलेवन में नंबर-1 टेस्ट स्पिनर अश्विन को ना खिलाकर दूसरी सबसे बड़ी भूल की। डब्ल्यूटीसी के दूसरे संस्करण में अश्विन ने भारत को फाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी। खिताबी मुकाबले में जगह ना मिलने पर अश्विन ने अब चुप्पी तोड़ते हुए दुख जाहिर किया है। उन्होंने बताया कि उन्हें इसके बारे में 48 घंटे पहले ही पता लग गया था।
बात करते हुए अश्विन बोले 'मैं इस फाइनल में बेशक खेलना चाहता, क्योंकि टीम को यहां तक पहुंचाने में मेरा भी योगदान था। पिछले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में मैंने अच्छी गेंदबाजी करते हुए चार विकेट चटकाए थे। 2018-19 के बाद विदेशी सरजमीं पर मेरा प्रदर्शन बढ़िया रहा है। मैंने टीम के लिए मैच विनिंग परफॉर्मेंस दी है। मैं इसे कोच और कप्तान के नजरिए से देख रहा हूं और हालात समझने की कोशिश कर रहा हूं। जब हम आखिरी बार इंग्लैंड में थे, तो वह टेस्ट सीरीज 2-2 से ड्रॉ पर खत्म हुई थी। तब टीम ने यह अहसास कर लिया था कि इंग्लैंड में विनिंग कॉम्बिनेशन चार पेसर और एक स्पिनर का है। शायद फाइनल से पहले उनके के दिमाग में यही चल रहा होगा।'
अश्विन को फाइनल मुकाबले से बाहर रखने के फैसले पर सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर जैसे दिग्गजों ने भी सवाल उठाए थे। अश्विन ने कहा कि उन्हें यह जानकर काफी खुशी हुई कि दिग्गज क्रिकेटरों ने उनको लेकर ऐसा सोचा। उन्होंने आगे कहा 'मुझे खुशी हुई कि उन्होंने सोचा कि मैं खेलने के लिए काफी अच्छा हूं। लेकिन सच्चाई यह है कि ना तो मुझे खेलने का मौका मिला और ना ही विश्व खिताब। मुझे 48 घंटे पहले पता था कि मैं नहीं खेलूंगा इसलिए मेरे लिए लक्ष्य यह ही था कि मैं टीम को खिताबी जीताने में हर तरीके से मदद करूं क्योंकि मैंने इसमें भूमिका निभाई थी।'