हैदराबाद
हैदराबाद में मंदिर के 36 वर्षीय पुजारी को कथित तौर पर अपनी प्रेमिका की हत्या करने के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रेमिका पुजारी पर शादी करने का दबाव बना रही थी। पुलिस की ओर से जारी की गई एक विज्ञप्ति में कहा गया कि कुरुगंती अप्सरा ने मार्च में अय्यागरी वेंकट सूर्य साई कृष्ण से शादी करने के लिए कहा था, हालांकि वह जानती थी कि वह शादीशुदा है।
महिला ने उसे यह कहकर ब्लैकमेल किया कि अगर वह उससे शादी नहीं करेगा तो वह उसका पर्दाफाश कर देगी। उसके व्यवहार से परेशान होकर साई कृष्ण ने अप्सरा को मारने की साजिश रची। विज्ञप्ति में कहा गया है कि 3 जून की रात को उसने महिला की हत्या कर दी और उसके शव को कार में रखकर ले गया। बाद में इसे मेनहॉल में ठिकाने लगा दिया। इसमें कहा गया है कि वह मृतका की मां को थाने ले गया और अप्सरा के लापता होने की झूठी शिकायत दर्ज कराई। विज्ञप्ति में कहा गया है कि मंदिर और उसके आसपास के लगे CCTV कैमरों के फुटेज देखने के बाद पुलिस ने पुजारी को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान पुजारी ने कबूल किया कि उसने ही महिला की हत्या की है।
पहले गढ़ी झूठी कहानी
साई कृष्ण ने पहले अप्सरा की मौत को लेकर झूठी कहानी गढ़ी। वह खुद हैदराबाद के एक पुलिस स्टेशन में गया और एक महिला की गुमशुदगी की शिकायत लिखवाई। पुजारी ने कहा कि उसकी भांजी अप्सरा पिछले कुछ दिनों से लापता है। वो बताता है कि उसने अपनी भांजी कुरुगांती अप्सरा को दो दिन पहले यानी 3 जून की रात को शम्साबाद इलाके में ड्रॉप किया था, क्योंकि उसे वहां से अपने दोस्तों के पास भद्राचलम जाना था लेकिन इसके बाद ना तो वो भद्राचलम पहुंची और ना ही अपने घर हैदराबाद वापस लौटी। ऊपर से उसका मोबाइल फोन भी स्विच्ड ऑफ हो चुका है, ऐसे में वो अपनी भांजी के गायब होने की रिपोर्ट लिखवाना चाहता है, ताकि उसे ढूंढा जा सके।
ऐसे फंसा अपने ही जाल में
खुद साई कृष्णा ही वो शख्स है, जिसने अपनी भांजी को गायब होने से पहले आखिरी बार देखा था, पुलिस सबसे पहले साई कृष्णा से ही अप्सरा की गुमशुदगी के मामले की जांच करने का फैसला करती है और उससे पूछताछ शुरू की जाती है। जैसे-जैसे इस मामले की जांच आगे बढ़ती है, मामला दर्ज कराने वाला पुजारी ही शक के दायरे में आ जाता है। अप्सरा की मां ने पूछताछ में ये कबूल किया कि 3 जून की रात को उसका भाई उसकी बेटी को अपने साथ घुमाने के लिए लेकर गया था, ऐसे में पुलिस ने मामले की तफ्तीश की शुरुआत उसी सरूरनगर इलाके से करने का फैसला किया, जहां से साई कृष्णा ने अप्सरा को पिक किया था। पुलिस ने सरूरनगर से शम्साबाद तक के 21 किलोमीटर के पूरे रास्ते में लगे तमाम सीसीटीवी कैमरों की स्कैनिंग करने की शुरुआत की, ताकि ये पता चल सके कि आखिर अप्सरा कहां से कब और कैसे गायब हो गई। जब पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो अप्सरा की गुमशुदगी के मामले का पहला क्लू हाथ लग गया। सीसीटीवी कैमरे में साई कृष्णा अपनी भांजी को पिक करता हुआ तो दिख रहा था, लेकिन शम्साबाद में उसे ड्रॉप करने जैसी कोई भी बात किसी भी कैमरे में कैद नहीं हुई थी। ऐसे में पुलिस ने जब दोबारा साई कृष्णा से अप्सरा को लेकर पूछताछ की, तो वो बयान बदलने लगा।
अपनी भांजी का कातिल निकला पुजारी
पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने कबूल किया कि उसकी भांजी कुरुगांती अप्सरा अब इस दुनिया में नहीं है और उसका कत्ल किसी और ने नहीं, बल्कि उसी ने किया है। इसके बाद साई कृष्णा ने कत्ल के मोटिव और कत्ल को अंजाम देने से लेकर लाश को ठिकाने लगाने की जो कहानी बताई, उसे सुन कर खुद पुलिसवालों के भी रोंगटे खड़े हो गए।
भांजी के साथ थे अवैध संबंध
साई कृष्णा शादीशुदा होने और खुद दो बच्चों का पिता होने के बावजूद अपनी ही भांजी के साथ रिश्ते में था और अब भांजी अप्सरा उसे इस रिश्ते को नाम देने की मांग करने लगी थी। अप्सरा चाहती थी कि साई कृष्णा अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़कर उससे शादी कर ले लेकिन साई कृष्णा के लिए ऐसा करना मुमकिन नहीं था। ऐसे में अक्सर दोनों में लड़ाई होती थी। इस रोज की झिक-झिक से निजात पाने के लिए पुजारी ने अपनी भांजी की हत्या करने का फैसला किया।
पत्थर से सिर कुचला
पुजारी 3 जून की रात अप्सरा को घुमाने के लिए लेकर गया और फिर शम्साबाद में ही एक सुनसान जगह पर ले जाकर उसे समझाने की कोशिश की कि वह उसका घर न खराब करे। जब अप्सरा नहीं मानी तो पुजारी ने एक भारी पत्थर से सिर कुचल कर अपनी भांजी की हत्या कर दी। फिर उसकी लाश को कार की डिग्गी में रखा और ठिकाने लगाने के लिए निकल पड़ा।