वॉशिंगटन
पाकिस्तान में बीती 9 मई को हुई हिंसा के मामले में बड़ी संख्या में पीटीआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ आर्मी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। इमरान खान के हजारों समर्थकों को जेल में डाल दिया गया है। अब इस पर अमेरिका ने भी चिंता जाहिर की है। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका, पाकिस्तान में नागरिकों के खिलाफ की जा रही सैन्य कार्रवाई से परिचित है। मिलर ने कहा कि अमेरिका लगातार पाकिस्तान से लोकतांत्रिक सिद्धांतों और कानून के शासन का सम्मान करने की अपील कर रहा है ताकि संविधान की सर्वोच्चता कायम हो सके।
अमेरिका ने हालात पर जताई चिंता
दरअसल मैथ्यू मिलर से पाकिस्तान के मौजूदा हालात को लेकर सवाल किया गया था, जहां 5000 लोगों को जेल में डाल दिया गया है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना की जा रही है। इसके जवाब में मिलर ने कहा कि 'हम हालात के बारे में जानते हैं और उन नागरिकों के लिए चिंतित भी हैं, जो मिलिट्री ट्रायल का सामना कर रहे हैं। हम लगातार पाकिस्तानी अथॉरिटीज से अपील कर रहे हैं कि वह लोकतांत्रिक सिद्धांतों का सम्मान करें। साथ ही हम पाकिस्तानी शीर्ष अधिकारियों के साथ मानवाधिकार, लोकतंत्र, सुरक्षा, पत्रकारों की सुरक्षा और कानून के राज का सम्मान आदि को लेकर बातचीत करते रहते हैं। अमेरिका के लिए यह हमेशा से प्राथमिकता है।'
संसद में प्रस्ताव लाकर आर्मी एक्ट के तहत की गई कार्रवाई
बता दें कि बीती 12 जून को पाकिस्तान की संसद में एक प्रस्ताव पास किया गया, जिसमें 9 मई की हिंसा के दोषियों पर आर्मी एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की मांग की गई। बता दें कि पाकिस्तान में आम नागरिकों पर भी आर्मी एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है और इस कानून में दोषी पाए जाने पर उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा मिल सकती है।
9 मई को भड़की थी हिंसा
उल्लेखनीय है कि 9 मई को पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के मुखिया इमरान खान को अल कादिर ट्रस्ट मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट परिसर से गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद पीटीआई समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किए, जिसमें जमकर हिंसा हुई। इस दौरान अभूतपूर्व तरीके से सैन्य प्रतिष्ठानों और सैन्य जनरलों के आवास को निशाना बनाया गया। पाकिस्तानी सेना ने इसे देश के इतिहास का काला अध्याय बताया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही थी।