Home देश सऊदी के कामगार भारतीयों के लिए मोदी सरकार ने उठाया बड़ा कदम

सऊदी के कामगार भारतीयों के लिए मोदी सरकार ने उठाया बड़ा कदम

5

 नई दिल्ली

सऊदी अरब और बहरीन जैसे गल्फ देशों में काम करने वाले भारतीय नागरिकों की सुविधा के लिए भारत सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) सेवा का विस्तार करने के लिए बहरीन और सऊदी अरब सहित कई खाड़ी देशों के साथ बातचीत कर रहा है. हालांकि, यह बातचीत अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन खाड़ी देश भी यूपीआई में दिलचस्पी दिखा रहे हैं.

अगर भारत सरकार खाड़ी देशों में UPI लॉन्च करने में सफल हो जाती है तो यह उन लाखों भारतीय नागरिकों के लिए मददगार साबित होगा जो खाड़ी देशों में काम करते हैं. खाड़ी देशों में काम करने वाले भारतीय समय-समय पर अपनी कमाई का कुछ हिस्सा भारत में अपने परिवारों को ट्रांसफर करते हैं. जिसमें उन्हें कई बार कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ता है. यूपीआई के आ जाने से भारतीय कामगार आसानी से अपना पैसा अपने परिवार को ट्रांसफर कर सकेंगे.  

एनपीसीआई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिलीप अस्बे ने कहा, "यूपीआई के माध्यम से क्रॉस-बॉर्डर पैसा ट्रांसफर सिस्टम डेवलप करने के लिए एनपीसीआई कुछ खाड़ी देशों के साथ चर्चा कर रहा है. इस सिस्टम के तहत पैसे का ट्रांसफर बैंक खाते से बैंक खाते में होगा. यह बातचीत भारतीय रिजर्व बैंक और खाड़ी देशों के केंद्रीय बैंक और हमारे भारतीय मिशन कार्यालयों के बीच हुई है."

विदेशों में यूपीआई सुविधा के लिए सरकार का रहा है जोर

यूपीआई सुविधा को दूसरे देशों में भी उपलब्ध कराने के लिए एनपीसीआई और अन्य भारतीय वित्तीय संस्थान लगातार प्रयास कर रहे हैं. इसी साल भारत और सिंगापुर ने एक अरब डॉलर से अधिक के वार्षिक मनी ट्रांसफर के लिए सुरक्षित और कम लागत वाली प्रणाली यूपीआई से अपनी राष्ट्रीय भुगतान प्रणालियों को जोड़ा है. UPI सिस्टम को अपनाने वाला पहला देश भूटान था. एनपीसीआई ने 2021 में भूटान के साथ समझौता किया था. नेपाल दूसरा देश था, जिसने यूपीआई को अपनाया था. साल 2022 में नेपाल ने यूपीआई सिस्टम लॉन्च करने को मंजूरी दी थी.

2022 में ही संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भारतीय यात्रियों को यूपीआई से जुड़े खातों के माध्यम से भुगतान करने की अनुमति दी थी. एनपीसीआई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिलीप अस्बे के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात के साथ डिजिटल भुगतान पर बातचीत एक एडवांस स्टेज में है.

भूटान में NPCI की अंतरराष्ट्रीय शाखा एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट लिमिटेड (NIPL) और भूटान की रॉयल मोनेटरी अथॉरिटी भीम- यूपीआई आधारित भुगतान प्रणाली लागू करने के लिए समझौता किया गया है. ओमान में भी Rupay कार्ड और यूपीआई उपयोग हो रहा है. UAE में लुलु फाइनेंसिंग होल्डिंग, मशरक बैंक और नेटवर्क इंटरनेशनल के साथ समझौता किया जा चुका है. इसके अलावा, France में लायरा नेटवर्क और UK terrapay-Payxpert से समझौता है.

इसके अलावा सरकार ने प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को भी उनके अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबरों के माध्यम से यूपीआई यूज करने की अनुमति दी है. एनपीसीआई ने सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, हांगकांग, ओमान, कतर, अमेरिका, सऊदी अरब, यूएई और यूके के एनआरआई को भारत में रहने के दौरान अपने अंतरराष्ट्रीय नंबरों का इस्तेमाल कर यूपीआई का उपयोग करने की अनुमति है.

   

प्रधानमंत्री मोदी कर चुके हैं आह्वान

प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च 2023 में कहा था, "रूपे और यूपीआई न केवल सस्ती और अत्यंत सुरक्षित प्रौद्योगिकी है, बल्कि दुनिया में हमारी पहचान भी है. इसमें नवाचार की अपार संभावनाएं हैं. यूपीआई को पूरी दुनिया के लिये वित्तीय समावेश और सशक्तिकरण का माध्यम बनना चाहिए और इसके लिये हमें सामूहिक रूप से काम करना होगा. मेरा सुझाव है कि हमारे वित्तीय संस्थानों को अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए फिन-टेक के साथ ज्यादा से ज्यादा साझीदारी करनी चाहिए."

G-20 समिट के बैठकों में भी भारत ने UPI की वैश्विक स्वीकृति पर काफी जोर दिया है. इस दौरान कई भाषणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेशों में UPI की स्वीकृति का आह्वान किया है.