बिहार
बिहार में लागू नई शिक्षक नियुक्ति के विरोध में उतरे शिक्षक संगठनों के नेताओं ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और विधानमंडल में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा से मुलाकात की और अपनी समस्याओं से अवगत कराया। भाजपा नेताओं ने शिक्षक संगठनों को आश्वासन दिया कि पार्टी उनके साथ है। प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार हड़बड़ी में शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2023 लाई है। इनमें कई गड़बड़ियां हैं। शिक्षकों को राज्यकर्मियों का दर्जा दिलाने के लिए जुलाई में राजभवन मार्च होगा। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार नियमावली को सुधारे।
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि शिक्षकों को सामाजिक सम्मान और बच्चो की प्रतिभा को बढ़ाने के लिए प्रतिभावान शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। इससे बिहार में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। शिक्षक नेता विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा कि भाजपा शिक्षकों की मांगों के समर्थन में सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेगी। विधान पार्षद जीवन कुमार ने कहा कि शिक्षकों के जीवन से खिलवाड़ नहीं होने देंगे। बैठक में विधायक डॉ संजीव चौरसिया, शिक्षक नेता गणेश प्रसाद सिंह सहित सभी शिक्षक संगठन के प्रतिनिधि मौजूद थे।
बीजेपी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा है कि जिम्मेवार विपक्ष के नाते वे राज्य सरकार की कमियों को उजागर करते रहेंगे। सोमवार को मोदी सरकार के नौ साल की उपलब्धियों को लेकर सोशल मीडिया संवाद के दौरान लोगों से बातचीत में कहा कि इस सरकार से कोई व्यक्तिगत लड़ाई, ईर्ष्या, द्वेष या प्रतिस्पर्धा नहीं है।
सत्ता से बाहर होने के बाद नियोजित शिक्षकों को लकर बीजेपी का स्टैंड बदल गया है। दरअसल बीजेपी ने इस मुद्दे पर यू टर्न ले लिया है। पार्टी के बड़े नेता सुशील कुमार मोदी जब नीतीश कुमार से साथ राज्य के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री थे तब उन्होंने नियोजित शिक्षकों के दो टूक जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि किसी भी कीमत पर नियोजित शिक्षकों को पूर्ण वेतनमान नहीं दिया जा सकता। उन्होंने राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने पर आपत्ति जताई थी। नीतीश कुमार उस समय भी नियोजित शिक्षकों के आन्दोलन को बेकार बता रहे थे। सुशील मोदी उनके सुर में सुर मिला रहे थे। राज्य के खजाने पर भारी बोझ का हवाला दे रहे थे। लेकिन आज बीजेपी के सुर बदल गए हैं।