भोपाल
प्रदेश के नगरीय निकायों की सड़कें चुनाव के पहले चकाचक करने की नगरीय विकास और आवास विभाग की तैयारियों पर वित्त विभाग का रोड़ा सामने आ गया है। वित्त विभाग ने विभाग द्वारा सड़कों के नवीनीकरण, मरम्मत और उन्नयन को लेकर कायाकल्प अभियान में राज्य शासन की ओर से मंजूर 750 करोड़ रुपए में से 400 करोड़ रुपए रोक लिए हैं। वित्त अफसरों ने कहा है कि नगरीय विकास पहले 350 करोड़ की सड़कें बनाकर बताए, इसके बाद बाकी राशि दी जाएगी। उधर सड़कों के निर्माण, उन्नयन में बारिश के भी रोड़ा बनने की स्थिति बन रही है क्योंकि अगले दस दिनों में मानसून की मध्यप्रदेश में एंट्री की की संभावना जताई जा रही है।
नगरीय विकास और आवास विभाग द्वारा शहरी क्षेत्रों की सड़कों को दुरुस्त करने के लिए एक माह पहले तेज की गई कवायद के बाद जिस तेजी की अपेक्षा थी, उस तेजी से काम अभी चल नहीं पा रहा है। कहीं ठेकेदारों को वर्क आर्डर मिलने के बाद काम शुरू करने का इंतजार है तो कहीं सड़कों के निर्माण में बिजली के खंबे और मार्ग में आने वाले मकान व अन्य तरह के निर्माण आड़े आ रहे हैं। कई स्थानों पर तो ठेकेदारों ने काम शुरू करके अधूरा छोड़ दिया है।
भोपाल के अवधपुरी बीडीए रोड की साठ फीट रोड इसका उदाहरण है जिसके दोनों ओर दो से तीन फीट गहरे गड्ढे कर दिए हैं जिसके कारण लोगों का निकलना दूभर है पर नगर निगम भोपाल के अफसर और ठेकेदार का पता नहीं है। इसी तरह की स्थिति प्रदेश के अन्य नगरीय निकायों में भी है। रीवा में टेंडर के बाद भी नेहरू नगर से अल्प आय वर्ग कालोनी समेत अन्य सड़कों का काम शुरू नहीं होने की जानकारी सामने आई है। नगरीय विकास विभाग के अफसरों के अनुसार डामरीकरण के काम बारिश के पहले पूरा कर रोजाना रिपोर्ट देने के निर्देश निकायों को दिए गए हैं। सीसी रोड का काम बारिश के दौरान भी कराया जा सकता है।
पहले चरण में सड़कों के 1800 काम पर फोकस
कायाकल्प अभियान में मंजूर की गई राशि 350 करोड़ रुपए शासन द्वारा नगरीय निकायों को आवंटित कर दी गई है। वित्त की परमिशन के बाद पहले चरण के इस अभियान में डामरीकरण के 923 और सीसी सड़क उन्नयन व निर्माण के 838 कार्य स्वीकृत किए गए हैं। विभाग के मंत्री ने भी सड़कों के निर्माण व उन्नयन की समीक्षा पिछले दिनों की है और डामरीकृत सड़कों का कार्य 30 जून तक करने के लिए कहा है। सीमेंट-कांक्रीट सड़क का कार्य अगस्त माह तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।