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हर हफ्ते औसतन 25.7 घंटे गाने सुन रहे भारतीय

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हम भारतीय हर हफ्ते औसतन 25.7 घंटे गाने सुनते हैं, जबकि दुनिया का औसत 20 घंटे का है। यानी हम दुनिया के मुकाबले हर हफ्ते 5 घंटे ज्यादा गाने सुनते हैं। देश के 63% और दुनिया के 69% लोग मानते हैं कि गाने सुनने से मानसिक सेहत अच्छी रहती है।

70% लोगों ने कहा कि एक्सरसाइज करते वक्त वे गाने सुनते हैं। इनमें 88% रनिंग, 83% योगा और 73% साइक्लिंग के दौरान गाने सुनते हैं। इंटरनेशनल फेडरेशन आॅफ फोनोग्राफिक इंडस्ट्री ने भारत-चीन समेत 22 देशों के 34 हजार लोगों पर स्टडी करके बनी एंगेजिंग विद म्यूजिक रिपोर्ट-22 में ये आंकड़े आए हैं। 2022 के मुकाबले 2023 में दुनिया की म्यूजिक इंडस्ट्री 8% और भारत की 13% बढ़ सकती है। दुनिया में 82% लोग वीडियो प्लेटफॉर्म, 74% आॅडियो प्लेटफॉर्म, 71% रेडियो व 68% शॉर्ट वीडियो एप्स पर गाने सुनते हैं।

रेडियो : 73% लोग गाने सुनने के लिए ही चलाते हैं
दुनिया में रेडियो सुनने वालों में हर उम्र के लोग हैं। मगर, 45-54 साल के 77% लोग रेडियो सुनते हैं। 76% के साथ 55-64 वाले दूसरे, 73% के साथ 35-44 वाले तीसरे और 56% के साथ 16-24 वाले सबसे पीछे हैं। 73% लोग गाने सुनने के लिए रेडियो चलाते हैं। 67% लोग रेडियो पर पसंदीदा चैनल गानों के लिए ही लगाते हैं। 63% बोले, गानों के बिना रेडियो नहीं सुनेंगे। 46% लोगों ने म्यूजिक के लिए पेड सब्सक्रिप्शन लिया है। इसमें 25-34 साल वाले सबसे आगे (56%) हैं। 55-64 साल वाले महज 26% हैं।  58% ने एक महीने में टीवी पर कोई न कोई म्यूजिक शो देखा। 53% पसंदीदा प्ले लिस्ट हफ्ते में एक से ज्यादा बार सुनते हैं।

इंडस्ट्री: हर साल 20 हजार ओरिजिनल गाने बन रहे
2007 में देश की म्यूजिक इंडस्ट्री 740 करोड़ रु. की थी, जो 2020 तक 1500 करोड़ तक पहुंच गया यानी इसे दोगुना होने में 14 साल लगे, पर स्टेटिस्टा की मई-2023 की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 तक यह 3300 करोड़ रुपए की हो जाएगी।   देश में हिंदी, तमिल, कन्नड़ और बंगाली समेत 24 भाषाओं में हर साल करीब 2000 फिल्में बनती हैं। हर फिल्म में कम से कम 5 गाने होते हैं। इस तरह सालाना 10 हजार ओरिजनल गाने बनते हैं। अगर प्राइवेट एलबम को भी जोड़ लें तो यह संख्या 20 हजार के करीब होती है।  एक गाना तैयार होने में औसतन 35 से 50 हजार रु. का खर्च आता है। दुनियाभर में कुल गानों की संख्या का अंदाजा लगाना तो मुश्किल है, पर यह करीब 15-20 करोड़ के करीब हैं।

रॉयल्टी : दुनिया में 7% और देश में 15% बढ़ी
119 देशों और 40 लाख म्यूजिक क्रिएटर्स का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था सीआईएसएसी की ग्लोबल कलेक्शन रिपोर्ट-2022 के मुताबिक, 2021 में दुनियाभर में गानों की रॉयल्टी से कमाई 7.2% बढ़ी।   इंडियन म्यूजिक सोसायटी आईपीआरएस के अनुसार, वर्ष 2021 के दौरान देश में गानों की रॉयल्टी से कमाई में 15% का जबर्दस्त उछाल आया, 2021 में ही एक तिमाही के दौरान 210 करोड़ रुपए की रॉयल्टी का रिकॉर्ड बना था।  एक रिपोर्ट के मुताबिक, गानों की रॉयल्टी से कमाई करने वाले गायकों में लता मंगेशकर सबसे आगे हैं। उन्होंने अपने करियर में 50 हजार से ज्यादा गाने गाए। इन गानों से उन्हें रॉयल्टी के तौर पर हर महीने 40-50 लाख रु. यानी सालाना करीब 6 करोड़ रु. की कमाई होती थी।