भिलाई
नए शिक्षण सत्र की शुरुआत के पहले यातायात पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त टीम ने जिले में संचालित निजी स्कूलों की बसों की जांच के लिए शिविर लगाया। रविवार को आयोजित शिविर में कुल 262 स्कूली बसों की जांच की गई। जिसमें 38 बस सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित मापदंड को पूरा नहीं कर सके। उन बसों के मालिकों से करीब 50 हजार रुपये का जुर्माना वसूल किया गया और खामियों को शीघ्र दूर करने के निर्देश दिए गए।
वहीं जो बस सही मिले, उनके कांच पर ओके का स्टीकर चस्पा किया गया। ताकि इससे यह पता चल सके कि इन स्कूली बसों में कोई खामी नहीं हैं और बच्चों के लिए सुरक्षित हैं। ओके लगे स्टीकर बसों को जांच के लिए नहीं रोका जाएगा और जिनमें स्टीकर नहीं लगा होगा, उन्हें रोककर जांच की जाएगी।
सेक्टर-6 पुलिस ग्राउंड में आयोजित जांच शिविर में 23 शैक्षणिक संस्थानों के 262 स्कूल बसों की जांच की गई। सबसे पहले वाहनों का रजिस्ट्रेशन किया गया। इसके बाद बसों के दस्तावेजों की जांच की गई। वाहनों के रजिस्ट्रेशन, परमिट, फिटनेस, बीमा, पीयूसी, रोड टैक्स, वाहन चालक के लायसेंस की जांच की गई। इसके बाद वाहनों का मैकनिकल फिटनेस टेस्ट किया गया।
जिसमें हेड लाईट, ब्रेक लाईट, पार्किंग लाईट, इंडिकेटर लाईट, बैक लाईट, मीटर, स्टेयरिंग की स्थिति, टायर की स्थिति, क्लच, ऐक्सीलेटर, सीट की स्थिति, हार्न की स्थिति, वायपर एवं वाहन में आगे पीछे रिफ्लेक्टर लगा है कि नहीं को चेक किया गया। जांच के क्रम में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुरूप जैसे वाहन में जीपीएस, सीसीटीवी कैमरा, स्पीड गवर्नर, प्रेशर हार्न, आपातकालीन खिड़की, स्कूल का नाम, टेलीफोन नंबर, चालक का मोबाइल नंबर, फर्स्ट ऐड बाक्स, अग्निशमन यंत्र, स्कूल बस के आगे पीछे स्कूल बस लिखा है कि नहीं चेक किया गया।