क्राइस्टचर्च। सरकार की अपील पर न्यूजीलैंड के नागरिकों ने स्वेच्छा से अपने निजी हथियार लौटाना शुरू कर दिया है। बीते शुक्रवार को दो मस्जिदों पर हुए हमले के बाद यहां की सरकार ने लोगों से हथियार लौटाने की अपील की थी। प्रधानमंत्री जेसिंडा एरर्डन ने सोमवार को देश के हथियार कानून में सख्ती करने की भी बात की थी। बता दें कि आॅस्ट्रेलियाई बंदूकधारी ब्रेंटन टैरंट द्वारा किए गए हमले में 50 लोगों की मौत हो गई थी। हमले के लिए उसने वैध तरीके से हथियार खरीदे थे, जिसके बाद से देश के हथियार कानून पर सवाल खड़े हो रहे हैं। प्रधानमंत्री की अपील पर मास्ट्रटोन जिले के किसान जॉन हार्ट के साथ कई लोगों ने अपने हथियार लौटा दिए। मगर, उनके इस कदम को सोशल मीडिया पर तीखी टिप्पणियों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर अमेरिकियों ने इस कदम का बिल्कुल स्वागत नहीं किया। कई लोगों का कहना है कि यदि अच्छे लोग अपनी सुरक्षा के लिए रखे गए हथियार त्याग देते हैं तो अपराधी इसका फायदा उठाते हैं। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा ने कहा कि मस्जिदों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाने वाले हमलावर को सख्त से सख्त सजा सुनाई जाएगी। उन्होंने उस हमलावर का कभी नाम न लेने की बात भी की। सांसदों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा- वह आतंकवादी है। वह कट्टरपंथी है और अपराधी है इसलिए वह मेरे लिए हमेशा बेनाम रहेगा। न्यूजीलैंड की मस्जिदों पर हमले से आहत विश्वकप विजेता रग्बी खिलाड़ी जुलियन सेवी ने पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मैं अब तक उस हादसे से उबर नहीं पाया हूं। मैं मुस्लिम समुदाय के लोगों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि मैं हर परिस्थिति में उनके साथ खड़ा हूं।