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हाइब्रिड हृदय प्रक्रिया से पीड़ित मरीज को एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल मे मिली निजात

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रायपुर

ह्दय रोग के ऑपरेशन और जांच व इलाज में अपनी साख जमा चुके शहर के नामचीन अस्पताल एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में कार्डियक विभाग के डॉक्टरों ने गंभीर रूप से जटिल हाइब्रिड हृदय प्रक्रिया से पीड़ित मरीज की जान बचाई।

इस बारे में शनिवार को हॉस्पिटल में हुई  पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्टडॉ. सुनील गौनियाल ने दी। पत्रकार वार्ता में डॉ. पी के हरि कुमार- वरिष्ठ कार्डियक सर्जन,डॉ. सुमित गुप्ता, हृदय शल्य चिकित्सक,डॉ. जिनेश जैन और डॉ. स्नेहिल गोस्वामी भी मौजूद थे।

डॉक्टर सुनील गौनियाल ने बताया कि  मरीज अचानक सीने और पीठ में दर्द की तकलीफ लेकर अस्पताल पहुंचा था। अस्पताल आते ही उसकी हालत को देखते हुए सीटी एंजियोग्राम किया गया।जांच में पता चला कि उसके शरीर में आर्च वेसल्स में दरार पैदा हो गई है, जिसे आवर्तित्रा कहा जाता है। यह शरीर की सबसे बड़ी रक्तनाली होती है, जो मस्तिष्क समेत सभी अंगों को रक्त प्रदान करती है। इस गंभीर स्थिति को संघटित करने के लिए एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल, रायपुर में एक आपातकालीन जटिल हाइब्रिड प्रक्रिया की गई। डॉ. पी के हरि कुमार- वरिष्ठ कार्डियक सर्जन और डॉ. सुनील गौनियाल- वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट के मार्गदर्शन में परीक्षण किए गए।

इस प्रक्रिया में आर्च वेसल्स के दरार को ठीक करने के लिए डिब्रांचिंग और टी.ए.वी.आर (थोरेसिक एंडोवास्कुलर एआर्टिक रिपेयर) का तकनीक का उपयोग किया गया। टी.ए.वी.आर एक न्यूनतम चिकित्सा प्रणाली है जिसमें आर्च वेसल्स में एक स्टेंट स्थापित किया जाता है, जो ररक्तनली की दरार को बंद करता है। यह तकनीक छाती को खोलने (ओपन सर्जरी) से बचाते हुए मस्तिष्क समेत शरीर के ऊपरी हिस्से में रक्त प्रवाह सुनिश्चित करती है। यह जटिल हाइब्रिड प्रक्रिया छत्तीसगढ़ में होने वाले सबसे दुर्लभ और जटिल प्रक्रिया में से एक है। इस पूरी ऑपरेशन की प्रक्रिया में एमएमआई के विशेषज्ञ डॉक्टर सुनील गौनियाल डॉ. पी. के. हरि कुमार – वरिष्ठ हृदय शल्य चिकित्सक, और डॉ. सुमित गुप्ता, हृदय शल्य चिकित्सक शामिल थे।