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गोवा विधानसभा के स्पीकर प्रमोद सावंत राज्य के नए मुख्यमंत्री बनाए गए, आयुर्वेद के डॉक्टर भी हैं प्रमोद सावंत

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पणजी – गोवा विधानसभा के स्पीकर प्रमोद सावंत मनोहर पर्रीकर के स्थान पर राज्य के नए मुख्यमंत्री बनाए गए। उन्होंने देर रात 2 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सावंत के अलावा गोवा फॉरवर्ड पार्टी जीएफपी के विजय सरदेसाई और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी एमजीपी के सुदीन धवलीकर को डिप्टी सीएम बनाया गया है। दरअसल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी राज्य में नई सरकार गठित करने के लिए रविवार रात से सोमवार रात तक मोर्चा संभाले रहे। उनके सक्रिय प्रयासों से ही भाजपा के सहयोगी दल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और गोवा फॉरवर्ड पार्टी को मनाया जा सका। भाजपा के सावंत के नाम पर राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के सहयोगी दलों के साथ सहमति बन गई। डॉ प्रमोद सावंत 45 का जन्म 24 अप्रैल 1973 को हुआ। सैंकलिम विधानसभा क्षेत्र से चुनकर आए डॉ प्रमोद सावंत का पूरा नाम डॉ प्रमोद पांडुरंग सावंत है। उनकी मां पद्मिनी सावंत और पिता पांडुरंग सावंत हैं। प्रमोद सावंत ने आयुर्वेदिक चिकित्सा में महाराष्ट्र के कोल्हापुर की गंगा एजुकेशन सोसायटी से ग्रेजुएशन किया था। इसके बाद उन्होंने सोशल वर्क में पोस्ट ग्रेजुएशन पुणे की तिलक महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी से किया। प्रमोद सावंत किसान और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के प्रेक्टिशनर हैं। प्रमोद सावंत की पत्नी सुलक्षणा केमिस्ट्री की शिक्षिका हैं। वह बीकोलिम के श्री शांतादुर्गा हायर सेकेंडरी स्कूल में अध्यापन करती हैं। इसके साथ ही सुलक्षणा सावंत भाजपा नेत्री हैं। वह भाजपा महिला मोर्चा की गोवा इकाई की अध्यक्ष हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में डॉ प्रमोद सावंत ने 10,058 वोट हासिल करके कांग्रेस के धर्मेश प्रभुदास सगलानी को मात दी थी। उन्होंने सगलानी से 32 फीसद अधिक वोट हासिल किए थे। 2012 के चुनाव में प्रमोद सावंत ने कांग्रेस के प्रताप गौंस को हराया था। तब सावंत को 14,255 वोट मिले थे। मुख्यमंत्री पद के लिए चुने जाने के बाद प्रमोद सावंत ने कहा कि पार्टी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। जो भी जिम्मेदारी मिली उसे वह अच्छी तरह से निभाएंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें दिवंगत पर्रीकर के साथ काम करने का मौका और उनका आशीर्वाद मिला है। सीएम और दोनों डिप्टी सीएम को पहले सोमवार रात 11 बजे का शपथ दिलाई जानी थी, लेकिन इसे टाल दिया गया क्योंकि सत्ता में साझेदारी और विभागों के वितरण को लेकर भाजपा नेताओं की सहयोगी दलों से बातचीत लंबी खींच गई थी। हालांकि देर रात प्रमोद सावंत ने पत्रकारों को बताया कि वह शपथ ग्रहण के लिए राजभवन जा रहे हैं, लेकिन तब तक पत्रकारों को राजभवन में जाने की अनुमति नहीं दी गई थी।