नई दिल्ली
देश में नई कंपनियों के रजिस्ट्रेशन में लगातार उछाल आ रहा है। मई माह के दौरान 17 हजार से अधिक नई कंपनियां खुली हैं। यानी हर रोज 550 के करीब नई कंपनियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। इस वर्ष की शुरुआत से अब तक 33,600 से अधिक नई कंपनियां पंजीकृत हुई हैं। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इसकी रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि देश में उद्यमिता लगातार मजबूत स्तर पर है। अप्रैल माह में कुल 16000 कंपनियों का रजिस्ट्रेशन हुआ था। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मई में स्थापित सभी कंपनियों की चुकता पूंजी ₹722 करोड़ है। वहीं, अधिकृत पूंजी ₹2,611 करोड़ है। चुकता राशि वह होती है, जिसके लिए शेयरधारकों को शेयर जारी किए जाते हैं और इसका भुगतान भी शेयरधारक ही करते हैं।
इन श्रेणियों में सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन
मई में स्थापित नई कंपनियों में 900 कंपनियां कृषि क्षेत्र से संबंधित हैं। वहीं, व्यापार सेवा से संबंधित कंपनियों की संख्या 2480 है। मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में कुल 2600 कंपनियां खुली हैं। रियल एस्टेट, रेट, निर्माण, टेड्रिंग, वित्त, भंडारण और संचार के क्षेत्र में भी कई कंपनियों की स्थापना हुई है।
रोजगार सृजन के लिए अच्छे संकेत
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि नई कंपनियों के रजिस्ट्रेशन में इजाफा होना अच्छा संकेत है। इससे उद्यमिता को बढ़ावा मिल रहा है। साथ ही देश में रोजगार सृजन भी बढ़ेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, कारोबार करना आसान करने यानी इज ऑफ डूइंग बिजनेस, स्टार्टअप इंडिया, मुद्रा योजना, पीएलआई योजना समेत जो तमाम कदम उठाए गए हैं, उसकी वजह से अब कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराकर कारोबार शुरू करना पहले से ज्यादा आसान हो गया है। भारत दुनिया के लिए एक चमकदार निवेश स्थल के रूप में दिख रहा है।
इन राज्यों में सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन
आंकड़ों के अनुसार, देश में कुल 15 लाख से अधिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां पंजीकृत हैं। इनमें से एक तिहाई व्यापार सेवा क्षेत्र से संबंधित है। वहीं 13 फीसदी कंपनियां ट्रेडिंग से जुड़ी हुई हैं। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में सबसे ज्यादा ट्रेडिंग कंपनियां है। हालांकि, सरकार समय-समय पर इनकी जांच करती है और निष्क्रिय हुई कंपनियों के रजिस्ट्रेशन को रद्द करती रहती है।
कंपनी बनाने से कर्ज मिलना आसान
विशेषज्ञों का कहना है कंपनियों के रजिस्ट्रेशन की एक मानक प्रक्रिया है। एक बार कंपनी के रूप में रजिस्ट्रेशन करा लेने के बाद उनके प्रर्वतकों के लिए बैंक से कर्ज लेना आसान हो जाता है। उनका कहना है कि कई नियामकीय प्रक्रिया के बाद रजिस्ट्रेशन होता है जिसकी वजह से बैंकों के लिए ज्यादातर दस्तावेज मिलना आसान हो जाता है।