नई दिल्ली
केंद्र की सत्ता में मोदी सरकार के 9 साल पूरे हो चुके हैं। विपक्ष अक्सर महंगाई को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार को निशाने पर लिए रहता है। एलपीजी सिलेंडर (LPG Cylender Price) को महंगाई बम के रूप में फोड़ता रहता है। चलिए आज देख जाए कि मोदी सरकार के दोनों कार्यकाल में सिलेंडर के रेट कितने बढ़े? कॉमर्शियल सिलेंडर अधिक महंगा हुआ या घरेलू एलपीजी सिलेंडर?
1 जून 2014 को दिल्ली में बिना सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत 905 रुपए प्रति सिलेंडर थी। जबकि, 19 किलो वाले कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर 1541 रुपये में मिल रहा था। आज दिल्ली में घरेलू सिलेंडर की कीमत 1103 रुपये और कॉमर्शियल की 1773 रुपये है। इस आधार पर हम देखें तो इन 9 सालों में बिना सब्सिडी वाला घरेलू एलपीजी सिलेंडर केवल 174.50 रुपये महंगा हुआ तो कॉमर्शियल सिलेंडर की कीमत में 445 रुपये का इजाफा हुआ है। बता दें सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत उस समय 414 रुपए थी। ये अलग बात है कि तब एलपीजी सिलेंडर के कनेक्शन लेना टेढ़ी खीर थी। सब्सिडी वालों के लिए आज के डेट में यह 700 रुपये से अधिक महंगा है।
प्रधानमंत्री पहला कार्यकाल मई 2014 से 2019 और दूसरा 2019 से अब तक जारी है। एक जून 2023 को घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 1103 रुपये थी और आज भी इसी रेट पर मिल रही है। इंडियन ऑयल के आंकड़ों के मुताबिक यही सिलेंडर बिना सब्सिडी के 1 मई 2014 को दिल्ली में 928.50 रुपये का था। यानी कुल नौ साल में केवल 174.50 रुपये का इजाफा। बिना सब्सिडी वाले घरेलू सिलेंडर के दाम मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 216 रुपये कम हुआ था। एक मई 2014 के 928.50 रुपये की तुलना में 1 मई 2019 को दिल्ली में घरेलू सिलेंडर सस्ता होकर 712.50 रुपये ही रह गया था। वहीं, दूसरे कार्यकाल में यही सिलेंडर 712.50 रुपये उछल कर 1103 रुपये पर पहुंच गया। यानी हर सिलेंडर पर 390.50 रुपये की बढ़त।
एक मई 2014 को दिल्ली में कॉमर्शियल सिलेंडर 1541 रुपये का था। 1 मई 2019 को इसकी कीमत 213 रुपये घटकर 1328 रुपये रह गई। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में घरेलू सिलेंडर की तरह कॉमर्शियल सिलेंडर के रेट बढ़े। मई और जून 2023 में कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम लगातर घटने के बावजूद 2019 की तुलना में यह 445 रुपये महंगा है।