बालासोर.
ओडिशा के बालासोर में हुए दर्दनाक रेल हादसे से पूरा देश सन्न है. हादसे में अब तक 275 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 1100 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं. हादसे के 60 घंटे बाद अभी तक 100 शवों की पहचान नहीं की जा सकी है, ऐसे में जब इनकी पहचान नहीं हो पाती, तब तक इन्हें सुरक्षित रखना ओडिशा प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है. रेलवे ने बालासोर ट्रेन दुर्घटना की सीबीआई जांच की मांग की.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हादसे की असली वजह और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर ली गई है. रेल हादसे पर सियासत भी शुरू हो गई है. विपक्षी पार्टियां रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग कर रही हैं. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऊपर से नीचे तक जवाबदेही तय की जाने की मांग की.
ओडिशा के बालासोर में हादसे वाली जगह पर सोमवार सुबह रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो गई है. देर रात मालगाड़ी का ट्रायल किया गया था. इस मौके पर खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मौजूद थे. उन्होंने मालगाड़ी को हाथ जोड़कर रवाना किया. उन्होंने अधिकारियों के साथ मौके पर ही समीक्षा बैठक भी की. हादसे में अबतक 275 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है. हालात की जानकारी देते हुए रेल मंत्री काफी भावुक हो गए थे.
कैसे हुआ था हादसा?
रिपोर्ट के मुताबिक, बहानगा बाजार स्टेशन के पास मालगाड़ी लूप लाइन में खड़ी थी. इसी बीच चेन्नई से हावड़ा जा रही 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन के पास पहुंची. हर स्टेशन पर दूसरी ट्रेन पास कराने के लिए लूप लाइन होती है. आपको बता दें कि बहानगा बाजार स्टेशन पर अप और डाउन, दो लूप लाइन हैं. किसी भी ट्रेन को लूप लाइन पर तब खड़ा किया जाता है, जब किसी ट्रेन को स्टेशन से पास कराया जाना हो.
बहानगा बाजार स्टेशन पर कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस को पास कराने के लिए मालगाड़ी को कॉमन लूप लाइन पर खड़ा कराया गया था. कोरोमंडल एक्सप्रेस तेज रफ्तार से मेन अप लाइन से गुजर रही थी. तभी वह मेन लाइन से लूप लाइन में आ गई और वहां खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई. ये टक्कर इतनी भीषण थी कि कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए और तीसरी लाइन से गुजरती यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के डिब्बों से टकरा गई. इन दोनों ट्रेनों का बहानगा बाजार स्टेशन पर स्टॉपेज नहीं है. दोनों ही ट्रेन की रफ्तार तेज थी, ऐसे में ट्रेन के डिब्बे एक दूसरे पर चढ़ गए. हादसे में 275 लोगों की मौत हो गई.
रेलवे ने सीबीआई जांच की मांग की
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि हमने ट्रिपल ट्रेन एक्सीडेंट में सीबीआई जांच की मांग की है. हालांकि, उन्होंने हादसे के दिन हादसे की वजह इलेक्ट्रिक प्वाइंट मशीन और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग को बताया था. वैष्णव ने कहा, पॉइंट मशीन की सेटिंग बदल दी गई थी. ऐसा कैसे और क्यों किया गया यह जांच रिपोर्ट में सामने आएगा.
वैष्णव ने कहा, इस भयानक घटना के मूल कारण की पहचान कर ली गई है . मैं विवरण में नहीं जाना चाहता. रिपोर्ट आने दीजिए. मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि हादसे की असली वजह और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर ली गई है.
187 शवों की पहचान नहीं हो पाई
बताया जा रहा है कि अभी 187 शवों की पहचान नहीं हो पाई है. इनमें से 110 शव एम्स भुवनेश्वर में रखे गए हैं, बाकी को कैपिटल अस्पताल, अमरी अस्पताल, सम अस्पताल और कुछ अन्य निजी अस्पतालों में रखा जा रहा है. यात्रियों के परिजन NOCCI बिजनेस पार्क में उमड़ रहे हैं, यहां मृतकों की फोटो लगाई गई हैं.
अश्विनी वैष्णव केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ ट्रेन दुर्घटना स्थल पर डेरा डाले हुए हैं. उन्होंने बताया कि पूर्वी और दक्षिणी भारत को जोड़ने वाली इस लाइन पर दो रेलवे पटरियों को बहाल कर दिया गया है. ओवरहेड इलेक्ट्रिफिकेशन का काम भी शुरू हो गया है. अधिकारियों का कहना है कि जब तक इलेक्ट्रिफिकेशन का काम शुरू नहीं होता, तब तक केवल डीजल इंजन ही चलाए जा सकते हैं और इलेक्ट्रिक ट्रेनों के चलने में तीन दिन और लग सकते हैं.
रेल मंत्री वैष्णव और धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि बहाली का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है और यात्रियों को वापस घर भेजने के प्रयास जारी हैं. मंगलवार तक बहाली हो जाएगी.
123 ट्रेनें रद्द हुईं
इस रेल हादसे के चलते यात्री और माल यातायात बाधित हो गया. हादसे के तुरंत बाद बालासोर और अन्य स्थानीय अस्पतालों में भर्ती किए गए घायल यात्रियों को कटक, भुवनेश्वर और कोलकाता समेत अन्य शहरों के मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पतालों में शिफ्ट कर दिया गया है.
रेलवे ने कहा कि 123 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया, 56 को डायवर्ट किया गया है, 10 को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है और 14 ट्रेनों को 3-7 जून की अवधि के लिए रीशेड्यूल किया गया है. दोनों ट्रेनों में यात्रियों में से कई प्रवासी श्रमिक थे. रेलवे प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने बताया कि अगर पीड़ित बिना टिकट यात्री हैं तो भी उन्हें मुआवजा मिलेगा. यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप है.
285 यात्रियों और उनके परिजनों को मिला मुआवजा
रेलवे ने अब तक 285 यात्रियों या उनके परिजनों को 3.22 करोड़ रुपए मुआवजा दिया गया है. रेलवे ने हादसे में मारे गए 11 यात्रियों के परिजनों को, 50 गंभीर चोटों और 224 मामूली चोटों वाले यात्रियों को मुआवजा दे दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें ट्रेन दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए एक SC के रिटायर जज की अध्यक्षता में एक जांच आयोग गठित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है. वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है कि कवच प्रणाली टक्कर रोधी प्रणाली को जल्द से जल्द लागू नहीं करने से बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ है और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा है. कई विपक्षी नेताओं ने इसी तरह के आरोप लगाए हैं, हालांकि, रेल मंत्री ने कहा है कि कवच का दुर्घटना से कोई लेना-देना नहीं है.
रेल हादसे में साजिश का शक
रेलवे के शीर्ष अधिकारियों ने पॉइंट मशीन और इंटरलॉकिंग सिस्टम कैसे काम करते हैं, इसका जिक्र करते हुए कहा कि सिस्टम एरर प्रूफ और फेल सेफ है. हालांकि, उन्होंने किसी बाहरी हस्तक्षेप की संभावना से इनकार नहीं किया. हालांकि, रेलवे ने ड्राइवर की गलती और सिस्टम में खराबी से इनकार किया है. साथ ही कहा है कि ट्रेनों के ओवर-स्पीडिंग का भी कोई मामला नहीं है. समाचार एजेंसी के मुताबिक, एक अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह अंदर या बाहर से छेड़छाड़ या तोड़फोड़ का मामला हो सकता है. हमने किसी भी चीज से इंकार नहीं किया है.
60 घंटे में क्या क्या हुआ?
- – शनिवार शाम 6.50: कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी से टकराई.
- – शाम 6.55: मालगाड़ी से टकराने के बाद कोरोमंडल के कुछ डिब्बे दूसरी लाइन से गुजरती हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस से टकरा गए.
- – शाम 7.10: स्थानीय प्रशासन और लोग इकट्ठा हुए और रेस्क्यू में जुट गए.
- – 8-9.00 बजे: पूरा प्रशासन, डॉक्टर, एंबुलेंस मौके पर पहुंचे, रेस्क्यू अभियान तेज किया गया.
- – इसके बाद पूरी रात रेस्क्यू अभियान चला. घायलों को निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया.
3-4 जून को क्या क्या हुआ?
- – रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव मौके पर पहुंचे और उन्होंने उच्च स्तरीय जांच का ऐलान किया.
- – ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक घटनास्थल पर पहुंचे.
- – रेलवे ने बताया कि रेस्क्यू अभियान पूरा हुआ, पटरियों को ठीक करने का काम शुरू हो गया.
- – पीएम मोदी ने रिव्यू मीटिंग की.
- – पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी घटनास्थल पर पहुंचीं.
- – स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने AIIMS भुवनेश्वर के डॉक्टरों की टीम घटनास्थल पर भेजी.
- – पीएम मोदी घटनास्थल पर पहुंचे और रेस्क्यू अभियान का जायजा लिया. उन्होंने रेल मंत्री और अधिकारियों से भी बात की.
- – पीएम मोदी ने अस्पतालों में घायलों से मुलाकात की.
- – 4 जून की रात तक ट्रैक को सही कर दिया गया.
- – रेलवे ने सीबीआई जांच की सिफारिश की.
- – ट्रैक पर मालगाड़ी का ट्रायल किया गया.
- – ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो गई है.