बिलासपुर
ओडिशा में रेलवे की दुखद दुर्घटना पर एटक ने कहा है कि क्या मोदी सरकार ओडिशा में हुए दर्दनाक रेल हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेगी?एटक ने रेलवे की निजीकरण नीति को वापस लेने की मांग करते हुए राष्ट्रीय महासचिव अमरजीत कौर ने कहा कि हमारा दृढ़ मत है कि प्रचार उद्देश्यों के लिए वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाते समय केंद्र सरकार रेलवे के बुनियादी ढांचे, जैसे आवश्यक जनशक्ति, संपत्ति के रखरखाव, रेलवे पटरियों, सिग्नलिंग प्रणाली की उपेक्षा कर रही है। इसने आम लोगों के लिए इसे अनिश्चित बनाते हुए एक उच्च वर्ग के लिए रेलवे प्रणाली बनाई है। सरकारी स्वामित्व वाली सेवाओं को बदनाम करने और फिर उनका निजीकरण करने की एक चाल है। छुपा एजेंडा बेशक रेलवे का निजीकरण करना है।
बीएसएनएल और एमटीएनएल इस नीति के कुख्यात उदाहरण हैं। ओडिशा दुर्घटना इसी नीति का प्रत्यक्ष परिणाम है।ऐटक मृतक के आश्रितों को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग करती है व और निजीकरण नीति को तुरंत वापस लेने की मांग करती है।