कानपुर
कानपुर के नवाबगंज में नवजात बच्ची की खरीद फरोख्त का सनसनीखेज मामला सामने आया है। कोर्ट के आदेश पर दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक कोटेदार की निसंतान बेटी ने एक गरीब दंपति की बच्ची आधार कार्ड बनवाने का झांसा देकर छीन ली। उनसे दस्तावेजों पर अंगूठे-दस्तखत लिए और बच्ची के एवज में 20 हजार देने की कोशिश की। कोटेदार, उसकी बेटी समेत पांच पर रिपोर्ट दर्ज हुई है।
राशन खरीदने के दौरान हुई पहचान पहलवान पुरवा, आजाद नगर निवासी सिक्योरिटी गार्ड मुन्नालाल शुक्ला ने बताया कि पत्नी सुनीता ने 17 दिसम्बर 2022 को घर पर ही चौथी संतान के रूप में बेटी को जन्म दिया। पत्नी सुनीता उजियारा नवाबगंज में कोटेदार राजेन्द्र त्रिवेदी की दुकान से राशन लेने जाती थी। कोटा उनकी बेटी वर्षा चलाती है। वर्षा ने सुनीता को समझाया कि राशनकार्ड में नवजात बच्ची का नाम जुड़वा दे। उसे बच्ची के हिस्से का राशन और मुख्यमंत्री कोष से पैसा भी मिलेगा।
ऐसे गोदनामे में लगवा लिया अंगूठा दंपति ने बताया कि 30 जनवरी को वर्षा उन्हें व बच्ची को लेकर रजिस्ट्री कार्यालय गई। कुछ कागजों पर दस्तखत व अंगूठे के निशान लिए। एक ऑफिस में सभी की फोटो खिंची। फिर 31 जनवरी को वर्षा घर पहुंची और बच्ची के रेटिना की फोटो बनवाने का बहाना कर बच्ची को ले गई, और नहीं लौटी। शाम को उसके घर पहुंचे तो उसने 20 हजार रुपये देने की कोशिश की। पैसा न लेने पर कहा कि लिखा पढ़ी हो चुकी है। बच्ची से कोई लेना-देना नहीं है।
नवाबगंज थाने में पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी तो कोर्ट के आदेश पर वर्षा, उसके पति मनीष, पिता राजेन्द्र, अम्बुज मिश्रा, अनुराग शुक्ला पर धारा 363, 420, और 506 में रिपोर्ट दर्ज की गई। डीसीपी सेन्ट्रल, प्रमोद कुमार ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें दोनों पक्षों से कागजात मंगाकर देखे जाएंगे। जो भी तथ्य सामने आते हैं उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
सौ रुपये के स्टाम्प पेपर ने विजेता से छीन ली मां
सौ रुपये के स्टांप पेपर पर कुछ कानूनी बातें लिखी गईं। कुछ फोटो चस्पा हुए, दस्तखत हुए, अंगूठे लगे और दो महीने की मासूम से उसकी मां छिन गई। रिपोर्ट में दर्ज इस तथ्य की जांच कर रही पुलिस के सामने कई जटिल सवाल हैं। मुन्नालाल और सुनीता ने स्वेच्छा से बच्ची दी या झांसा देकर उनसे बच्ची ली गई, इसका उत्तर आसानी से मिलता नहीं दिख रहा है। यह विशुद्ध आपराधिक घटना है या एक फूल-दो माली जैसी कहानी, यह जानने में कुछ वक्त लगेगा। उधर नन्ही विजेता को क्या पता कि बोतल भर दूध पीकर वह जिस गोद में अलसा रही है, उसे लेकर थाना-कचहरी हो रहा है।
मुन्नालाल के परिवार में एक बड़ा बेटा वासु शुक्ला (20) ई-रिक्शा चलाने के साथ ही एसडी कॉलेज से बीए की पढ़ाई कर रहा है। दूसरा बेटा कृष्णा शुक्ला (12) गुरुकुल स्कूल में कक्षा छह की छात्रा है। तीसरी बेटी ईशा शुक्ला (9) सरकारी स्कूल में कक्षा पांच की छात्रा है। 17 दिसम्बर 2022 को जन्मी बेटी का नाम उन्होंने विजेता रखा था। मुन्नालाल ने कहा- समाज में, गांव में हमारी बदनामी हो रही है। मैं मूल रूप से करनैलगंज, गोण्डा का हूं। वहां से लोग फोन कर पूछ रहे हैं कि बेटी क्यों बेच दी तुमने।
30 जनवरी को हुआ गोदनामा
गोदनामा 30 जनवरी 2023 को उप निबंधक प्रथम कार्यालय में हुआ। रजिस्ट्री कराई गई। अम्बुज व अनुराग गवाह बने। गोदनामा में लिखा गया मुन्नालाल व सुनीता विपन्न हैं। बेटी विजेता को वर्षा और मनीष शुक्ला निसंतान दंपति हैं, जिन्हें यह बेटी गोद देने को तैयार हैं। बेबी विजेता से संबंधित सारे अधिकार सुनीता व मुन्नालाल ने खुद ही खत्म कर वर्षा और मनीष शुक्ला को दे दिए हैं। वे अब उस पर कोई दावा नहीं करेंगे। वर्षा-मनीष की सम्पत्ति पर बेबी विजेता का कानूनी अधिकार होगा।
मुझे फंसाने की कोशिश हो रही
वर्षा कहती है कि मुन्नालाल बेबी विजेता को गोण्डा गांव ले जाना चाहता था। मना किया तब से कहानी बदल गई। वह रुपए मांग रहा था। मुझे ऐसे अपराध में फंसाने की कोशिश हो रही है, जो मैंने नहीं किया।
गोदनामा के नियम
– दम्पति की शादी को कम से कम दो वर्ष हुए हों।
– गोद लेने वाले दंपति को कोई जानलेवा बीमारी न हो।
– बच्चे और माता-पिता की उम्र में कम से कम 25 साल का अंतर हो।
– माता-पिता दोनों की रजामंदी होनी चाहिए।
– अकेली महिला लड़का या लड़की में से किसी को भी गोद ले सकती है।
– अकेला पुरुष केवल लड़का ही गोद ले सकता है, लड़की नहीं।
– दम्पति लड़का या लड़की में से किसी को भी गोद ले सकता है।
– माता-पिता की बच्चा गोद लेते समय आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होनी चाहिए।
– अनाथ बच्चा बिना कारा (सेंट्रल अडाप्शन रिसोर्स अथारिटी) की प्रक्रिया के गोद नहीं लिया जा सकता।
(जैसा वरिष्ठ अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया)