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टोंड बॉडी और मसल्‍स बिल्डिंग के ल‍िए बेहद जरुरी है प्रोटीन , तो क्या खाये पनीर या चिकन?

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टोंड बॉडी और मसल्‍स बिल्डिंग के ल‍िए प्रोटीन बेहद जरुरी है। हाई प्रोटीन के सेवन के ल‍िए कई लोग चिकन को अपने डाइट में शामिल करते हैं। वहीं अगर आप शाकाहारी हैं, तो पनीर आपके लिए प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत होता है।तो ऐसे में सवाल उठता हैं क‍ि चिकन या पनीर दोनों में से क‍िसमें होता है ज्‍यादा प्रोटीन? आइए पता करते हैं क‍ि आपके ल‍िए दोनों में से कौनसा ऑप्‍शन सही है।

प्रोटीन की मात्रा के अनुसार
डाइटिशियन के मुताबिक, ज्यादा प्रोटीन चाहते हैं तो चिकन बेहतर विकल्‍प है। 100 ग्राम चिकन में आपको 31 ग्राम प्रोटीन मिलता है। वहीं वैजेटेरियन लोगों के ल‍िए प्रोटीन का स्‍त्रोत पनीर है, जिसमें 100 ग्राम में 20 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। चिकन में विटामिन बी 12, नियासिन, फॉस्फोरस और आयरन होता है। वहीं, पनीर प्रोटीन के साथ कैल्शियम का भी मुख्‍य स्‍त्रोत है। हड्डियों और दांतों के साथ ही खून के थक्के जमने जैसी समस्याओं में पनीर खाना ज्‍यादा फायदा पहुंचा सकता है।

कम कैलोरी के ल‍िए चिकन खाएं
अगर आप वेटलॉस डाइट पर हो और कम कैलोरी का सेवन करना चाहते हैं, तो चिकन आपके लिए बेहतर हो सकता है।
100 ग्राम चिकन में 165 कैलोरी और 100 ग्राम पनीर में 265-320 कैलोरी होता है। विकल्‍प आपके सामने है।

ज्‍यादा फायदे पाने के ल‍िए घर पर ही बनाएं
प्रोटीन की मात्रा के मामले में चिकन सबसे अच्छा होता है। पनीर में प्रति 100 ग्राम में 12-18 ग्राम प्रोटीन होता है और चिकन में प्रति 100 ग्राम में 30 ग्राम प्रोटीन होता है।
दोनों विकल्प बहुत अच्छे हैं और आप दोनों को खा सकते हैं। केवल एक चीज जो इन दोनों के पोषक तत्‍वों को नष्‍ट करते है। खराब बनाती है वह है रेस्तरां की तैयारी जहां वे बहुत सारे सफेद मक्खन के साथ-साथ कई स्वाद बढ़ाने वाले पदार्थ डालते हैं। अगर आप इसे सामान्य सामग्री से घर पर बनाते हैं तो इससे कोई नुकसान नहीं होगा।

इन बातों का रखें ध्‍यान
कच्चा चिकन खरीदते समय एंटीबायोटिक मुक्त चिकन चुनना पसंद करें। पनीर की बात करें तो लो फैट और मलाई वाला पनीर दोनों ही सेहतमंद हैं। लेक‍िन आप वेटलॉस का प्‍लान कर रहे हैं, लो-फैट पनीर ही खाएं।

फूड प्‍वाइजिनंग भी हो सकती है चिकन से
अगर आपको लगता है क‍ि रोजाना ताजा चिकन खाना हेल्‍दी होता है, तो आप बिल्कुल गलत हैं। ताजे चिकन में केपाइलोबेक्टर होता है, जो किसी भी व्यक्ति को फ़ूड प्वाइनिंग का शिकार बना सकता है। इसल‍िए इसे सीमित मात्रा में ही खाएं। इसके अलावा बता दें कि फ्राइड चिकन से ज्यादा ग्रिल्ड चिकन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाता है।ग्रिल्ड चिकन में एमिनो मिथिलिओ और पेरेडाइन पाया जाता है। ये दोनों जहरीले तत्व प्रोस्टेट और ब्रेस्‍ट कैंसर की वजह बन सकती है।