बालासोर
इस वक्त गम का पहाड़ फूट पड़ा है. ओडिशा बालासोर रेल हादसे से पूरा देश दुखी है. आज सुबह की शुरूआत एक मनहूस खबर से हुई. तीन ट्रेनें आपस में टकरा गईं. अब तक इस हादसे में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 900 लोग घायल हुए हैं. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यहां पर लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं. आपको जानकर अपने मुल्क और ओडिशा वासियों पर गर्व होगा कि ये लोग बड़ी संख्या में यहां पर ब्लड डोनेट करने आए हैं. ये लोग खून देकर लोगों की जान बचाने में जुटे हुए हैं. हादसे के बाद इन लोगों ने खुद ठानी कि ये लोग खून देने जाएंगे. न तो सरकार ने कहा और न ही किसी ने. बस दिल ने कहा कि हर जान बचाना है….
बालासोर ट्रेन एक्सीडेंट में 900 से ज्यादा लोगों का इलाज हो रहा है. ऐसे में बहुत ज्यादा मात्रा में खून की जरूरत होती है. ओडिशा की जनता घरों से बाहर आ गई है. वो भी इस आपदा के वक्त सिर्फ अपनों की जान बचाने के लिए खून दे रही है. ओडिशा के अस्पतालों में लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं.
डॉक्टर्स भी देखकर चौंक गए कि इतनी संख्या में यहां लोग कैसे आ रहे हैं. जब उनको पता चला कि ये सभी लोग सिर्फ ब्लड डोनेट करने आए हैं. ये घायलों की जान बचाना चाहते हैं. कहते हैं कि मुश्किल वक्त के समय भी जब ऐसी तस्वीर देखने को मिलती हैं तो कुछ राहत मिलती है.
ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव घटना स्थल पर पहुंचकर राहत बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं. इसी बीच ओडिशा के कई अस्पतालों में लोग बढ़ चढ़कर ब्लड देने आए हैं. ऐसे हादसों में घायलों की ज्यादा मौतें अधिक खून बह जाने के कारण हो जाती है. हॉस्पिटल के पास एकदम से ब्लड की जरूरत होती है. 200 से ज्यादा लोगों की मौत तो हो चुकी हैं मगर ये आंकड़ा बस आगे न जाए. इसलिए लोगों ने अपने साथियों के साथ खून देने का फैसला किया. ये तस्वीर खुशी देने वाली है. राहत देने वाली है.